सुरेश एस डुग्गर
जम्मू, 21 अगस्त
अमरनाथ यात्रा की प्रतीक छड़ी मुबारक को पवित्र गुफा तक हेलिकाप्टर के माध्यम से कल रविवार को रक्षा बंधन वाले दिन लाया जाएगा। वापसी पर रक्षाबंधन पर छड़ी पहलगाम में रुकेगी और अगले दिन 23 अगस्त को पहलगाम स्थित लिद्दर नदी में छड़ी विसर्जन पूजा से इसका समापन होगा। इस साल लगातार कोविड महामारी के कारण लगातार दूसरी बार अमरनाथ यात्रा को रद्द किया गया है।
हर साल छड़ी मुबारक कश्मीर के ऐतिहासिक मंदिरों में रुक कर पारंपरिक पहलगाम ट्रैक से पवित्र गुफा तक पहुंचती रही है, लेकिन पिछले दो साल से यह संभव नहीं हो पाया है। इससे परंपरा को जारी रखते हुए आखिर में चापर से छड़ी को सीमित साधुओं के साथ पवित्र गुफा तक ले जाया जाता है। छड़ी मुबारक के महंत दीपेंद्र गिरी ने बताया कि इस बार पहलगाम ट्रैक को क्लीयर नहीं किया गया था, जिससे रक्षाबंधन के दिन ही हवाई मार्ग से छड़ी को हिमलिंग के दर्शनों के लिए ले जाया जाएगा। छड़ी मुबारक अपनी पुरानी परंपरा के अनुसार श्रीनगर सहित अन्य ऐतिहासिक मंदिरों तक पहुंची है। इसमें कुछ साधु नियमित रूप से छड़ी की पूजा-अर्चना से जुड़े रहे हैं।
कोरोना के कारण दूसरी बार अमरनाथ यात्रा स्थगित कर दी गई थी लेकिन यात्रा की प्रतीक पवित्र छड़ी मुबारक को अमरनाथ गुफा में कल श्रावण पूर्णिमा के दिन स्थापित किया जाएगा ताकि यात्रा को सांकेतिक तौर पर संपन्न करवाया जा सके। इसकी पुष्टि अमरनाथ यात्रा के महंत दीपेंद्र गिरि ने भी की है जिनका कहना था कि पवित्र छड़ी मुबारक 22 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के दिन श्री अमरनाथ गुफा में पहुंचेगी और वहां सभी धार्मिक अनुष्ठान वैदिक मंत्रों और पूजा अर्चना से संपन्न किए जाएंगे।
प्रशासन की ओर से की जा रही तैयारियों में हेलिकाप्टरों से करीब 2 दर्जन लोगों को ही गुफा तक ले जाने का प्रबंध किया जा रहा है। जानकारी के लिए गुफा में यात्रा का प्रतीक पवित्र हिमलिंग पिघल कर करीब चार फुट का रह चुका है। इस बार यात्रा के लिए तैयारियां तो की गई थीं परंतु कोरोना के बढ़ जाने के कारण यात्रा को स्थगित कर देना पड़ा है।