नयी दिल्ली, 20 दिसंबर (एजेंसी)वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने वायु गुणवत्ता में सुधार और मौसम विज्ञान संबंधी अनुकूल पूर्वानुमान के मद्देनजर दिल्ली-एनसीआर में निर्माण और विध्वंस गतिविधियों तथा राष्ट्रीय राजधानी में ट्रकों के प्रवेश पर पाबंदियां सोमवार को हटा दीं। आयोग ने कहा कि दिल्ली में वायु गुणवता सूचकांक में सुधार हुआ है। पिछले तीन दिनों से एक्यूआई खराब श्रेणी में बना हुआ है, जबकि यह पहले बहुत खराब श्रेणी में था। आदेश में कहा गया है, ‘एनसीआर में निर्माण और विध्वंस गतिविधियों को अब तत्काल प्रभाव से अनुमति दी जाती है। बहरहाल, यह इस पर निर्भर करता है कि ऐसी गतिविधियों में लिप्त व्यक्ति तथा एजेंसियां धूल नियंत्रण नियमों और इस संबंध में निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों और सीपीसीबी के दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन करें।’ इसमें कहा गया है, ‘दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश को अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से अनुमति दी जाती है।’ पहले केवल चुनींदा ट्रकों के प्रवेश की ही अनुमति थी। आयोग ने चिंताजनक स्तर तक प्रदूषण बढ़ने के बाद 16 नवंबर को दिल्ली-एनसीआर में निर्माण एवं विध्वंस गतिविधियों पर रोक लगायी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 24 नवंबर को निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध फिर से लागू कर दिया था और केवल गैर-प्रदूषक गतिविधियों जैसे कि प्लंबिंग, आंतरिक गृह साज-सज्जा, बिजली के काम आदि को छूट दी थी। आयोग ने 17 दिसंबर को निर्माण एवं विध्वंस गतिविधियों पर पाबंदियों में ढील देते हुए सार्वजनिक उपयोग, रेलवे, मेट्रो, हवाई अड्डों और आईएसबीटी, राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, राजमार्गों, सड़कों, फ्लाईओवर, पाइपलाइनों से संबंधित परियोजनाओं को अनुमति दे दी थी।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।