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पंजाब में पराली जलाने की सलाह देना गंभीर विषय : सुप्रीम कोर्ट

दो दिसंबर तक जारी रहेंगी ग्रैप-4 की पाबंदियां
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नयी दिल्ली, 28 नवंबर (एजेंसी)

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्ययोजना (ग्रैप)-4 के तहत आपात उपायों में छूट देने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया और इन्हें दो दिसंबर तक जारी रखने का आदेश दिया।

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पीठ ने पंजाब से संबंधित उस खबर का संज्ञान लिया, जिसमें एक भूमि अभिलेख अधिकारी और संगरूर ब्लॉक पटवारी यूनियन के अध्यक्ष ने खुले तौर पर किसानों को उपग्रह की नजर से बचने के लिए शाम चार बजे के बाद पराली जलाने की सलाह देने की बात स्वीकार की थी। पीठ ने कहा, 'हम इस खबर की सत्यता के बारे में नहीं जानते, लेकिन यदि यह सही है तो यह बहुत गंभीर बात है। पंजाब के अधिकारी किसी भी किसान को इस तथ्य का फायदा उठाने की अनुमति नहीं दे सकते कि वर्तमान में दिन के कुछ घंटों के दौरान होने वाली गतिविधियों की निगरानी की जा रही है। पंजाब सरकार को तुरंत सभी अधिकारियों को निर्देश जारी करना चाहिए कि वे ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल न हों।'

सुनवाई के दौरान केंद्र ने हालांकि कहा कि वायु गुणवत्ता सूचकांक नियंत्रित सीमा में है। जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि ‘कोर्ट कमिश्नर' द्वारा प्रस्तुत दूसरी रिपोर्ट से पता चलता है कि अधिकारी ‘ग्रैप-चार' के तहत पाबंदियों को अक्षरशः लागू करने में पूरी तरह विफल रहे हैं। पीठ ने कहा, ‘पुलिस कहीं भी तस्वीर में नहीं थी। ट्रकों को क्षेत्र में प्रवेश करने दिया गया और वापस जाने का कोई रास्ता नहीं था। हमने जो कुछ तस्वीरें देखीं, उनमें पुलिस सीमा के अंदर खड़ी दिखी। इसलिए लोग ट्रक लेकर अंदर आ जाते हैं और कोई समाधान नहीं निकलता।' न्याय मित्र और वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने कहा कि ट्रकों को दिल्ली सीमा के बजाय एनसीआर सीमा पर रोका जाना चाहिए। पीठ ने कहा, ‘हम सभी पक्षकारों को विस्तार से सुनने का प्रस्ताव रखते हैं। हम मामले की जड़ तक जाना चाहते हैं और निर्देश जारी करना चाहते हैं।'

कानूनी कार्रवाई के लिए अधिकारियों को छूट

दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता पर केंद्र की समिति ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण निकायों के सदस्य सचिवों को निर्माण स्थलों पर प्रदूषण नियंत्रण मानदंडों के घोर उल्लंघन के लिए कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार दिया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने बृहस्पतिवार को एक बैठक में निर्माण और विध्वंस स्थलों पर वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए जारी आदेशों की निगरानी और प्रवर्तन को मजबूत करने हेतु सख्त निर्देश जारी किए।

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