सुरेश एस डुग्गर
जम्मू, 9 जुलाई
अमरनाथ गुफा के बाहर तबाही का मंजर है। फिलहाल पहलगाम और बालटाल के रास्ते यात्रा को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है क्योंकि त्रासदी में अभी तक 15 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। 50 के करीब श्रद्धालु लापता हैं। 22 घायलों में से कई की दशा नाजुक है। सेना सहित विभिन्न बचाव दल राहत कार्य में जुटे हुए हैं। गुफा के बाहर रुके 15 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
अमरनाथ गुफा के बाहर बादल फटने और फिर सैलाब आने का जिस किसी ने भी यह मंजर देखा है, वे उसे भूल नहीं पा रहा है। सिकंदराबाद से आए श्रद्धालु रमेश ने बताया कि वर्षा के बीच श्रद्धालु ‘बम-बम भोले’ का जयघोष लगाते हुए हिमलिंग के दर्शनों के लिए गुफा की ओर बढ़ रहे थे। तभी गुफा के पास से ‘भागो-भागो’ की आवाजें सुनाई देने लगी। पवित्र गुफा व नीचे बने आधार शिविर में बिजली बंद हो गई। झांक कर देखा तो गुफा के निकट पानी का तेज बहाव आ रहा था। हर कोई इधर-ऊधर भागता नजर आया।
यात्रा में तैनात कुछ अफसरों ने बताया कि बादल फटने के बाद एकदम से पानी का बहाव आया। इसमें दो बड़े पहाड़ों का मलबा आ गया। मलबे में कई बड़े-बड़े पत्थर थे, जिनकी वजह से इनकी चपेट में कई यात्री आ गए। यह एक मुख्य कारण था कि इतने लोगों की जान चली गई। एक घंटे के भीतर इतनी बारिश हो गई, जितनी पांच घंटों में भी नहीं होती। यही नहीं, गुफा के आसपास के कैंपों में भी बारिश नहीं हुई, लेकिन गुफा के ऊपर भारी बारिश हुई। इस बीच बादल फट गया और तबाही मच गई।
अमरनाथ हादसे को लेकर कश्मीर स्वास्थ्य निदेशालय ने विभाग में डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियों पर रोक लगा दी है। निदेशालय ने कहा है कि स्थायी हो या अनुबंध, सभी कर्मचारी अगले आदेश से छुट्टी नहीं लेंगे। सभी अधिकारियों को मोबाइल फोन चौबीसों घंटे आन रखने के आदेश दिए गए हैं।
अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से उपजे हालात के चलते पुलवामा, कुलगाम, शोपियां और अनंतनाग जिलों से अतिरिक्त डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ दवाओं और इमरजेंसी किट के साथ भेजने को कहा है। गुफा के आसपास कई कैंप हैं। पंचतरणी, शेषनाग और बालटाल जैसे कैंपों में भी इतनी बारिश नहीं हुई है। यहां तक कि बारिश हुई ही नहीं। गुफा के ऊपर एकदम से इस तरह की बारिश होना और इतनी तबाही होना काफी दुखद है। अब तक 15 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।