नयी दिल्ली, 28 जुलाई (एजेंसी) देश में पांचवीं पीढ़ी (5जी) के स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए बृहस्पतिवार को तीसरे दिन दसवें दौर की बोलियां लगाई जा रही हैं। इससे पहले, बुधवार को दूसरे दिन 1.49 लाख करोड़ रुपये की बोलियां आईं थीं। विभिन्न बैंड में स्पेक्ट्रम के लिए रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी कंपनियों ने आक्रामक तरीके से बोली लगायी थी। 5जी स्पेक्ट्रम के लिये बुधवार को कुल पांच दौर की बोली लगायी गयी। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नीलामी में बोली में रखे गये सभी बैंड के लिये अच्छी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। उन्होंने 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में मिली प्रतिक्रिया को लेकर खुशी जतायी। इस बैंड के लिये 2016 और 2021 में हुई नीलामी में कोई खरीदार नहीं आया था। 700 मेगाहर्ट्ज बैंड महंगा और महत्वपूर्ण है। यह दूरदराज के क्षेत्रों में ‘कवरेज’ के लिये महत्वपूर्ण है। वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा, ‘क्षेत्र नई ऊर्जा के साथ आगे आया है और यह 5जी नीलामी में मिली अच्छी प्रतिक्रिया से प्रतिबिंबित होता है।’ मुकेश अंबानी, सुनील भारती मित्तल और गौतम अडाणी की कंपनियों के साथ-साथ वोडाफोन आइडिया ने बोली के पहले दिन मंगलवार को चार दौर की नीलामी में 1.45 लाख करोड़ रुपये की बोली लगायी थी। बुधवार को पांच दौर की नीलामी में रेडियो तरंगों की अतिरिक्त मांग आई।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।