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महाकुंभ में आये 128 साल के पद्मश्री स्वामी शिवानंद

चुस्त-दुरुस्त हैं और कई भाषाओं का है ज्ञान
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पद्मश्री स्वामी शिवानंद
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हरि मंगल

महाकुंभनगर, 13 फरवरी

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प्रयागराज महाकुंभ में देश विदेश से आये साधु संतों की कठिन तपस्या, योग, साधना, ध्यान और अनुष्ठानों को देख कर श्रद्धालुओं के साथ साथ पर्यटक भी आश्चर्य में डूब रहे है। अब यहां पहुंचे हैं स्वामी शिवानंद। मेले के सबसे उम्रदराज संत। वर्ष 2022 में योग के लिये पद्मश्री से सम्मानित स्वामी जी की उम्र 128 वर्ष है।

महाकुंभ में आये स्वामी शिवानंद के शिविर के बाहर उनके आधार कार्ड़ का बैनर लगा हुआ है जिसमें उनकी जन्म तिथि 8 अगस्त 1886 अंकित है। शिविर में जमीन पर आसन लगाये स्वामी जी से बात चली तो वह फर्राटेदार हिन्दी, अंग्रेजी और बांग्ला भाषा में जबाब दे रहे थे। स्वामी जी ने कहा कि अब सुनायी कम पड़ता है, लेकिन बाकी सब ठीक है। लम्बी आयु की चर्चा पर कहते हैं, ‘सुबह उठ कर खाली पेट योग करना चाहिये और हमेशा सोचना चाहिए कि साथ क्या जाएगा।’ उनके भक्तों ने बताया कि वह प्रातः तीन बजे उठ जाते हैं। दो से तीन घंटे तक टहलते हैं। एक घंटा योग करते हैं और दिन में नहीं सोते। स्वामी जी का आहार सुबह के नास्ते में चिवड़ा, लाई है जबकि खाने में दाल, चावल, रोटी और उबली सब्जी। बाहर का कुछ नहीं खाते। जहां जाते हैं, रसोइया साथ जाता है। उनका कोई आश्रम नहीं है। काशीमें किराये के फ्लैट में रहते हैं।

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