Science Questions : क्या वाकई 99.9% कीटाणुओं का खात्मा करते हैं प्रोडक्ट्स, जानिए इसका विज्ञान
Science Questions : क्या वाकई 99.9% कीटाणुओं का खात्मा करते हैं प्रोडक्ट्स, जानिए इसका विज्ञान
हासन वैली, दाइकिन यूनिवर्सिटी/मेलबर्न, 30 दिसंबर (द कन्वरसेशन)
Science Questions : क्या आपने कभी सोचा है कि ज्यादातर कीटाणुनाशक यह क्यों कहते हैं कि वे 99.9 फीसदी या 99.99 फीसदी कीटाणुओं को मार देते हैं, लेकिन ये कीटनाशक कभी भी 100 फीसदी कीटाणुओं को खत्म कर देने का वादा नहीं करते? शायद यह विचार आपके दिमाग में रसोई या बाथरूम की सफाई करते समय आया हो।
निश्चित रूप से, हर तरह के अद्भुत काम करने में सक्षम विज्ञान की दुनिया में लोग ऐसा कीटाणुनाशक जरूर चाहेंगे जो 100 फीसदी कारगर हो। इस पहेली का जवाब पाने के लिए माइक्रोबायोलॉजी और गणित की थोड़ी समझ की जरूरत है। कीटाणुनाशक क्या है? कीटाणुनाशक एक ऐसा पदार्थ है जिसका इस्तेमाल निर्जीव वस्तुओं पर बैक्टीरिया, वायरस और अन्य रोगाणुओं को मारने या निष्क्रिय करने के लिए किया जाता है। हमारे घरेलू वातावरण में सतहों और वस्तुओं पर अनगिनत रोगाणु होते हैं।
ज्यादातर रोगाणु हानिकारक नहीं होते लेकिन उनका एक छोटा सा हिस्सा हमें बीमार कर सकता है। कीटाणुशोधन में भौतिक हस्तक्षेप जैसे गर्मी संबंधी उपचार या यूवी प्रकाश का उपयोग शामिल हो सकता है। सामान्यत: जब हम कीटाणुनाशकों के बारे में सोचते हैं तो हम सतहों या वस्तुओं पर रोगाणुओं को मारने के लिए रसायनों के उपयोग का उल्लेख कर रहे होते हैं। रासायनिक कीटाणुनाशकों में अक्सर अल्कोहल, क्लोरीन यौगिक और हाइड्रोजन पैरॉक्साइड जैसे सक्रिय तत्व होते हैं जो विभिन्न रोगाणुओं के महत्वपूर्ण घटकों को लक्षित करके उन्हें मार सकते हैं।
पिछले कुछ वर्षों में हम सभी कोविड मामलों के प्रसार के संदर्भ में एवर एक्सीलेरेटिंग रेट की अवधारणा से परिचित हैं। इसमें संख्याएं लगातार बढ़ती हैं, जिससे स्थिति खतरनाक हो सकती है। रोगाणुओं को मारना या निष्क्रिय करना एक लॉगरिदमिक डिके पैटर्न का अनुसरण करता है, जो अनिवार्य रूप से घातीय वृद्धि के विपरीत है। यहां, समय के साथ रोगाणुओं की संख्या कम हो जाती है, मृत्यु की दर धीमी हो जाती है क्योंकि रोगाणुओं की संख्या कम हो जाती है। उदाहरण के लिए, यदि कोई विशेष कीटाणुनाशक हर मिनट 90 फीसदी बैक्टीरिया को मारता है, तो एक मिनट के बाद, मूल बैक्टीरिया का केवल 10 फीसदी ही बचेगा। अगले मिनट के बाद, शेष 10 फीसदी का 10 फीसदी बचेगा जो मूल मात्रा का मात्र एक फीसदी होगा। यह सिलसिला आगे चलता रहेगा। इस लघुगणकीय क्षय पैटर्न के कारण, यह दावा करना कभी भी संभव नहीं है कि किसी भी सूक्ष्मजीव आबादी को 100 फीसदी मारा जा सकता है।
यही कारण है कि घरेलू उपयोग के लिए बेचे जाने वाले अधिकांश कीटाणुनाशक संकेत देते हैं कि वे 99.9 फीसदी कीटाणुओं को मारते हैं। अन्य उत्पाद जैसे हैंड सैनिटाइजर और कीटाणुनाशक वाइप्स, जो अक्सर 99.9 फीसदी कीटाणुओं को मारने का दावा करते हैं, उसी सिद्धांत का पालन करते हैं।