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Health Advice : गर्मियों में क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा? ऐसे रखें बचाव

Health Advice : गर्मियों में क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा? ऐसे रखें बचाव
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चंडीगढ़, 25 अप्रैल (ट्रिन्यू)

Health Advice : गर्मी का मौसम अपने साथ कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आता है, और उन समस्याओं में सबसे गंभीर मानी जाती है - हार्ट अटैक। कई शोध और मेडिकल रिपोर्ट्स यह साबित कर चुकी हैं कि अत्यधिक गर्मी और उमस दिल के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। भारत जैसे उष्णकटिबंधीय देश में, जहां गर्मियों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, वहां यह खतरा और भी अधिक बढ़ जाता है। आइए जानते हैं कि गर्मियों में हार्ट अटैक का खतरा क्यों बढ़ जाता है और इससे कैसे बचा जा सकता है।

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गर्मी और दिल के बीच संबंध

गर्मी के मौसम में शरीर को सामान्य तापमान बनाए रखने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। शरीर पसीने के माध्यम से खुद को ठंडा करने की कोशिश करता है, जिससे डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) हो सकता है। इससे ब्लड वॉल्यूम कम हो जाता है और रक्त गाढ़ा हो जाता है, जिससे दिल को पंप करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। यही अतिरिक्त दबाव हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।

गर्मियों में हार्ट अटैक के बढ़ते खतरे के प्रमुख कारण

डिहाइड्रेशन

ज्यादा पसीना आने से शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है। इससे ब्लड प्रेशर गिर सकता है और दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ती है।

ब्लड वेसल्स का सिकुड़ना

गर्मी में त्वचा की सतह पर रक्त प्रवाह बढ़ जाता है ताकि शरीर की गर्मी बाहर निकल सके। लेकिन यदि व्यक्ति पहले से हाई ब्लड प्रेशर या हृदय रोग से पीड़ित है, तो यह असंतुलन दिल पर दबाव डाल सकता है।

गाढ़ा खून

डिहाइड्रेशन के कारण खून गाढ़ा हो जाता है, जिससे ब्लड क्लॉट (खून के थक्के) बनने की संभावना बढ़ जाती है – यह हार्ट अटैक की बड़ी वजह है।

अत्यधिक पसीना और कमजोरी

बहुत अधिक पसीना आने से शरीर थक जाता है, जिससे दिल की धड़कन तेज हो जाती है और हृदय पर अतिरिक्त भार पड़ता है।

तनाव और नींद की कमी

गर्मी में नींद ठीक से न आने के कारण मानसिक तनाव बढ़ता है, जिससे कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ता है – जो कि दिल के लिए हानिकारक है।

गर्मियों में अपनाएं ये सावधानियां

पर्याप्त पानी पिएं

हर दिन कम से कम 2.5–3 लीटर पानी जरूर पिएं। शरीर को हाइड्रेट रखना अत्यंत आवश्यक है, विशेषकर जब आप बाहर निकलते हैं। कैफीन और शराब शरीर से पानी निकालते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन और ब्लड प्रेशर असंतुलित हो सकता है इसलिए इनसे दूरी बनाएं।

हल्का और संतुलित भोजन लें

भारी, मसालेदार और तला हुआ भोजन दिल पर दबाव डालता है। गर्मियों में हल्का, सुपाच्य और ताजा खाना जैसे फल, सलाद, छाछ, नींबू पानी आदि ज्यादा लें।

धूप में निकलने से बचें

दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक का समय सबसे ज्यादा गर्म होता है। इस समय बाहर निकलने से बचें, खासकर दिल के मरीज। साथ ही पर्याप्त नींद और आराम दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। रोजाना 7–8 घंटे की नींद जरूरी है।

शारीरिक गतिविधि पर ध्यान दें, लेकिन सीमित मात्रा में

हल्की वॉक या योग करें, लेकिन बहुत ज्यादा वर्कआउट या धूप में एक्सरसाइज से बचें। साथ ही अगर आप पहले से हृदय रोग, डायबिटीज या हाई बीपी के मरीज हैं, तो नियमित जांच करवाते रहें और दवाएं समय पर लें।

किन्हें ज्यादा खतरा होता है?

गर्मियों में हार्ट अटैक का खतरा खासकर निम्नलिखित लोगों में ज्यादा देखा गया है...

-बुजुर्ग (60+ वर्ष)

-हाई ब्लड प्रेशर के मरीज

-डायबिटीज और मोटापे से पीड़ित लोग

-पहले से हृदय रोग वाले

-जो लोग बाहर अधिक समय बिताते हैं (जैसे ट्रैफिक पुलिस, डिलीवरी एजेंट्स आदि)

कब डॉक्टर से संपर्क करें?

यदि किसी को निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

-सीने में दर्द या भारीपन

-सांस लेने में तकलीफ

-अत्यधिक पसीना और कमजोरी

-उलझन या चक्कर आना

-हाथों, खासकर बाएं हाथ में दर्द

गर्मी के मौसम में हृदय की सेहत का ख्याल रखना अत्यंत जरूरी है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें पहले से कोई दिल की बीमारी है। जीवनशैली में थोड़े से बदलाव, समय पर पानी पीना, संतुलित आहार लेना और अत्यधिक गर्मी से बचाव ही इस मौसम में दिल को सुरक्षित रखने के सबसे बड़े उपाय हैं।

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