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कैसे टलेंगे हवाई हादसे?
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जन संसद की राय है कि अहमदाबाद विमान हादसे के बाद विमानों की जांच और उड़ान से पहले तकनीकी स्थिति को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। सुरक्षा को लेकर कई चरणों में सघन जांच को लेकर जवाबदेही तय की जानी चाहिए।

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कड़े हों सुरक्षा मानक

बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान जिस प्रकार हादसे का शिकार हुआ, उससे यह आवश्यक हो जाता है कि कंपनी दुर्घटना के कारणों की गहराई से जांच करे। अब जब एयर इंडिया सरकार से निजी कंपनी टाटा के हाथों में जा चुकी है, तो विमान दुर्घटनाओं की गंभीरता से जांच के साथ-साथ कुछ अन्य पहलुओं पर भी ध्यान देना होगा। हमारे प्रमुख हवाई अड्डे घनी आबादी के बीच स्थित हैं, जैसा कि अहमदाबाद में देखा गया। डीजीसीए और एयरपोर्ट अथॉरिटी जैसी एजेंसियों को अधिक सतर्क और सक्रिय होना पड़ेगा।

रमेश चंद्र पुहाल, पानीपत

नियमित जांच हो

हाल ही में लंदन जा रहे एयर इंडिया के विमान का अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त होना अत्यंत दुःखद है, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान गई। ऐसे हादसों को रोकने के लिए पायलटों को व्यापक प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। साथ ही, विमानों की नियमित तकनीकी जांच अनिवार्य है ताकि उनकी उड़ान क्षमता सुनिश्चित हो सके। पायलटों और हवाई यातायात नियंत्रकों को मौसम की सटीक जानकारी के आधार पर ही उड़ान भरनी चाहिए। हवाई तंत्र को यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी।

सतीश शर्मा, माजरा, कैथल

पहले जांच हो

एयरलाइंस यात्रियों से महंगे किराए तो वसूलती हैं, पर सुविधाएं और सुरक्षा में लापरवाही बरती जाती है। सरकार को एक कमेटी बनाकर विमान रख-रखाव, उड़ान और लैंडिंग से जुड़े नियमों को सख्ती से लागू करना चाहिए। यात्रियों की सुरक्षा के लिए एयरलाइंस पर प्रभावी नियंत्रण जरूरी है। साथ ही, हवाई किरायों पर भी नियंत्रण होना चाहिए ताकि आम जनता पर आर्थिक बोझ न बढ़े। उड़ान से पहले विमानों की दो स्वतंत्र एजेंसियों द्वारा जांच अनिवार्य की जाए, जिससे दुर्घटनाएं रोकी जा सकें।

अभिलाषा गुप्ता, मोहाली

सख्त हों सुरक्षा मानक

एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त होना अत्यंत दुखद है। यह हादसा न केवल मानव क्षति है, बल्कि नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए भी बड़ा झटका है। भारत विश्व के अग्रणी विमानन बाजारों में शामिल है, इसलिए अब एयर क्रैश जांच ब्यूरो व अन्य एजेंसियों को चाहिए कि वे इस हादसे की गहराई से जांच करें। तकनीकी खामी या मानवीय गलती, जो भी कारण हो, उसे दूर कर जवाबदेही तय की जाए और सुरक्षा मानकों को और मजबूत किया जाए।

पूनम कश्यप, नयी दिल्ली

सुदृढ़ और विश्वसनीयता

अहमदाबाद हवाई दुर्घटना में एक साथ इतने लोगों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस हादसे के कारणों और जिम्मेदार तत्वों की गहन जांच होनी चाहिए। विमानों की तकनीकी प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ और विश्वसनीय बनाना आवश्यक है। उड़ान से पूर्व विशेषज्ञों की एक स्वतंत्र टीम द्वारा प्रत्येक विमान की गहन जांच अनिवार्य की जाए, ताकि तकनीकी खामी के कारण भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएं न हों। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना हर हाल में प्राथमिकता होनी चाहिए।

श्रीमती केरा सिंह, नरवाना

पुरस्कृत पत्र

तंत्र की लापरवाही

हवाई दुर्घटनाएं केवल तकनीकी खामी नहीं, बल्कि तंत्र की लापरवाही का परिणाम भी होती हैं। एयर इंडिया के लंदन जा रहे विमान की अहमदाबाद में हुई दुर्घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। उड़ानों की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन रखरखाव, पायलट प्रशिक्षण और एयर ट्रैफिक कंट्रोल अब भी कमजोर कड़ी हैं। डीजीसीए जैसी संस्थाओं को सशक्त और स्वतंत्र बनाया जाए। अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सुरक्षा जांच, सिमुलेशन अभ्यास और विमानों की उम्र की सख्त निगरानी जरूरी है। यात्रियों की सुरक्षा मुनाफे से ऊपर होनी चाहिए।

अमृतलाल मारू, इंदौर, म.प्र.

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