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अनाज भंडारण क्षमता में वृद्धि

न्यायसंगत दाम अब भारत खाद्यान्न उत्पादन में रिकार्ड बना रहा है, खाद्यान्न भंडारण की अधिक क्षमता की आवश्यकता है, क्योंकि खाद्यान्न उगाते वक्त अन्न की बर्बादी हाेती है। किसानों को उपज का सही मूल्य प्राप्त नहीं हो पाता। निकट भविष्य...
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न्यायसंगत दाम

अब भारत खाद्यान्न उत्पादन में रिकार्ड बना रहा है, खाद्यान्न भंडारण की अधिक क्षमता की आवश्यकता है, क्योंकि खाद्यान्न उगाते वक्त अन्न की बर्बादी हाेती है। किसानों को उपज का सही मूल्य प्राप्त नहीं हो पाता। निकट भविष्य में भारत सरकार खाद्यान्न भंडारण क्षमता विकसित करने का लक्ष्य पूरा करने जा रही है। आशा है कि किसानों को उनकी उपज का न्यायसंगत दाम मिलेगा। जबकि अब तक भारत की खाद्यान्न भंडारण की क्षमता का कुल उत्पादन केवल 47 प्रतिशत ही रही है।

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रमेश चन्द्र पुहाल, पानीपत

देशहित में

देश में अनाज भंडारण नहीं होने के कारण प्रतिवर्ष हजारों टन अनाज बर्बाद हो जाता है। अनाज एवं अन्य खाद्य पदार्थों के सुरक्षित भंडारण के लिए केंद्र सरकार की खाद्यान्न भंडारण क्षमता योजना किसानों, देशवासियों एवं सरकार के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकती है। देश के प्रत्येक जिले में विकासखंड स्तर पर कम से कम एक गोदाम का निर्माण आवश्यक रूप से होना चाहिए जो आधुनिक संसाधनों से लैस हो। गांव स्तर पर गोदामों का निर्माण करवाकर उन्हें जरूरतमंद किसानों को किराये पर भी उपलब्ध करवाया जा सकता है।

ललित महालकरी, इंदौर, म.प्र.

दूरगामी परिणाम

अनाज भंडारण क्षमता बढ़ाने की जिस वृहद योजना को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है, उससे आने वाले दिनों में किसानों को बहुत लाभ मिलने वाला है। किसान गोदामों में फसलों को रखकर उचित मूल्य मिलने तक बेफ़िक्री से रुक सकेंगे। ज़रूरत पड़ने पर किसान फसल मूल्य का 70 प्रतिशत तक ऋण भी ले सकेंगे। इन भंडारगृहों के अलावा कस्टम हायरिंग केंद्रों और प्रसंस्करण इकाइयों से भी किसान लाभान्वित हो सकेंगे। इसके अतिरिक्त शीघ्र खराब होने वाली फसलों को प्रसंस्कृत करके उनकी उम्र बढ़ाने में भी ये मदद करेंगे। अनाज भंडारण क्षमता बढ़ाने की यह दूरदर्शी योजना बहुत दूरगामी परिणाम देने वाली है।

ईश्वर चन्द गर्ग, कैथल

खाद्य सुरक्षा को संबल

भारत विश्व के प्रमुख खाद्यान्न उत्पादक देशों में से एक है। अनाज का भंडारण भी एक तरह से उत्पादन के ही समान है। अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों के पास वार्षिक पैदावार से भी ज्यादा भंडारण क्षमता है। यही उनके किसानों की खुशहाली का राज है। हमारे देश की जनसंख्या चीन से भी आगे निकलती जा रही है लेकिन हमारी अन्न भंडारण की क्षमता पैदावार से ठीक आधी है, इसीलिए सहकारी क्षेत्र में अनाज भंडारण विकसित करना जरूरी है। इससे खाद्य सुरक्षा और किसानों को लाभ होना निश्चित है।

देवी दयाल दिसोदिया, फरीदाबाद

रोजगार के अवसर भी

अनाज भंडारण योजना से किसानों की हर फसल का उचित भंडारण होगा, फसल भी खराब नहीं होगी। लेकिन जब तक देश में किसानों की समस्याओं पर भी राजनीति की रोटियां सेंकी जाती रहेंगी, तब तक देश में खाद्य सुरक्षा का सपना पूरा होना मुश्किल है। वहीं अगर देश में भंडारण क्षमता बढ़ा दी जाए तो समय-समय पर जो टमाटर या अन्य सब्जियों के दाम में बेतहाशा वृद्धि हो जाती है वो वृद्धि नहीं होगी। किसान भी इन सब्जियों की खूब पैदावार करेंगे, इससे किसानों की आमदन भी बढ़ेगी। योजना से नये रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

राजेश कुमार चौहान, जालंधर

वरदान साबित होगी

केन्द्र सरकार द्वारा खाद्यान्न भंडार क्षमता बनाने की योजना किसानों के लिए वरदान साबित होगी। किसानों की मेहनत से रिकार्ड खाद्य उत्पादन भारत की खाद्य सुरक्षा की मजबूती प्रदान कर रहा है। लेकिन अनाज भंडारण क्षमता की कमी के कारण बर्बाद हो जाता है। अधिकतर किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य नहीं मिल पाता है। इसका कारण यह है कि अनाज के भंडारण की सही व्यवस्था नहीं होने के कारण किसानों को उसे कटाई के समय ही बेचना पड़ता है। भविष्य में भंडारण की क्षमता 1450 लाख टन से 21 लाख टन होगी। जिनमें किसान अपने अनाज को रखकर भाव बढ़ने पर अच्छा मुनाफा कमा सकेंगे।

जयभगवान भारद्वाज, नाहड़

पुरस्कृत पत्र

कई समाधान

केंद्र की खाद्यान्न भंडारण क्षमता योजना से किसानों की समस्या हल होने की उम्मीद है। किसान अपनी मर्जी से अन्न को उचित दामों में मंडी में बेच सकेंगे। खराब मौसम और कीड़ों-कीटों से अनाज को सुरक्षित किया जा सकता है। इस योजना से किसानों को तो लाभ होगा साथ ही साथ में सहकारी क्षेत्र को और मजबूती मिलेगी। ग्रामीण लोगों के लिए नए रोजगार के अवसर मिलेंगे। अन्न भंडारण की क्षमता न होने के कारण अन्न की बर्बादी होती थी और हमें आयात की ओर बढ़ना पड़ता था। योजना से इस समस्या का भी हल हो जाएगा। इस योजना से कृषि भंडारण का बुनियादी ढांचा मजबूत होगा।

दिव्येश चोवटिया, गुजरात

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