सामान्य ढंग से लें
कोई भी खिलाड़ी अपने खेल में हमेशा बेहतर करने की ही कोशिश करता है। नि:संदेह क्रिकेट खिलाड़ी अच्छी फीस लेते हैं। इसका मतलब यह तो नहीं हो सकता वे पूरी जिन्दगी अच्छा ही अच्छा करें। कई बार बेहतर करने वाले खिलाड़ी शून्य पर चले जाते हैं। हम सबको इसके लिए भी तैयार रहना चाहिए। बेशक अपने पसंदीदा खेल में खिलाड़ी के कमजोर प्रदर्शन पर निराशा होती है, गुस्सा भी आता है, पीड़ा भी होती है परन्तु इन सब को हमें सामान्य ही लेना चाहिए। खेल व खिलाड़ी का पूरा सम्मान करना चाहिए। अच्छे प्रदर्शन भी तो देखने को मिलते रहेंगे।
सत्यप्रकाश गुप्ता, बलेवा, गुरुग्राम
नयों को मौका मिले
आईपीएल और अन्य मैचों में लगातार खेलने के बावजूद हमारी टीम सेमीफाइनल में शर्मनाक हार के बाद बाहर हो गई। क्रिकेट प्रेमी बेहद निराश हुए और एक बात खलती रही कि इतना स्कोर करने के बाद भी हमारे खिलाड़ी एक भी विकेट नहीं ले पाये। क्या हमारी टीम के खिलाड़ी एक भी विकेट लेने में सक्षम नहीं हैं? यदि नहीं तो हमारे देश में और भी बहुत से क्रिकेट खिलाड़ी हैं जो देश के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के अच्छे प्रदर्शन के लिए टीम में नये युवा खिलाड़ियों को मौका मिलना चाहिए तभी हमारी टीम इंडिया और मजबूत बन पाएगी।
सतपाल, करनाल
उम्मीदों पर पानी
टी20 वर्ल्ड कप में हमारे देश की क्रिकेट टीम ने सेमीफाइनल मैच हार कर क्रिकेट प्रेमियों को निराश कर दिया। एक बार फिर से वर्ल्ड कप जीतने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। भारतीय क्रिकेट टीम दुनिया की नंबर एक टीम रही है। लेकिन खेल में हर बार हर खिलाड़ी को सफलता ही मिले यह भी संभव नहीं। लेकिन सेमीफाइनल में टीम लापरवाही से खेली। यह कहना भी उचित ही होगा कि टीम में कुछेक कमियां तो जरूर थीं। उम्मीद है कि अगले वर्ल्ड कप में बेहतर प्रदर्शन के लिए हमारे देश की टीम और टीम को चुनने वाले अभी से तैयारी शुरू कर देंगे।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
हार का विश्लेषण हो
टी-20 विश्वकप में भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। जिससे क्रिकेट प्रेमियों को निराशा का सामना करना पड़ा। सेमीफाइनल में टीम जीत के लिए संघर्ष करती ही नज़र नहीं आई, जिसका परिणाम यह रहा कि टीम इंडिया को इंग्लैंड ने आसानी से पराजित कर दिया। आईपीएल व ऐसे ही अन्य आयोजनों में भाग लेने के कारण टीम इंडिया से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी। जरूरी है कि भारतीय क्रिकेट टीम को भविष्य में अच्छे प्रदर्शन के लिए तैयार करने के लिए टी-20 विश्वकप में मिली हार के कारणों का गहनता से विश्लेषण किया जाए।
सतीश शर्मा, माजरा, कैथल
गेंदबाजों का गलत चयन
टी-ट्वेंटी वर्ल्ड कप की दावेदार भारत की क्रिकेट टीम थी। लेकिन भारतीय टीम का प्रदर्शन बहुत कमजोर रहा। न्यूजीलैंड व इंग्लैंड से हारना भारत के लिए बड़ा झटका साबित हुआ। टी-20 वर्ल्ड कप में भारत के निराशाजनक प्रदर्शन के कई कारण हैं। उनमें प्रमुख हैं -हार्दिक पंड्या को चोट लगने की वजह से टीम का संतुलन गड़बड़ाना। लीग स्टेज के मैचों में प्रमुख भारतीय बल्लेबाजों का फ्लॉप हो जाना। गेंदबाजों का गलत चयन और बायो बबल की थकान भी टीम इंडिया की हार की वजह बनी।
ललित महालकरी, इंदौर, म.प्र.
जिम्मेदारी लें
हार-जीत खेल का अभिन्न अंग है। हर बार जीत की उम्मीद नहीं की जा सकती। मगर कमजोर खेल का प्रदर्शन या बिना लड़े हथियार डाल देना चिंता की बात है। सेमीफाइनल में टीम इंडिया के निराशाजनक खेल ने क्रिकेट प्रेमियों को दुःखी किया है। बेशक दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ियों में शुमार हमारे क्रिकेटरों के लचर खेल के लिए क्रिकेट की पूरी संस्था को जिम्मेदारी लेनी होगी। देश में उभरते क्रिकेट खिलाड़ियों में भी प्रतिभा देखी जा रही है। ऐसे में नये खिलाड़ियों की अनदेखी पर सवाल खड़े होना लाज़िमी है। समय रहते होनहार खिलाड़ियों को संवारा गया होता तो संभवतः ऐसे निराशाजनक प्रदर्शन से बचा जा सकता था।
एमके मिश्रा, रांची, झारखंड
पुरस्कृत पत्र
ऑल राउंडरों की कमी
धमाकेदार शुरुआती लीग मैचेस की जीत के बाद भारतीय क्रिकेट टीम फिसल गई और सेमीफाइनल में इंग्लैंड के हाथों बुरी तरह से हार गई। भारतीय टीम को इस विश्व कप जीतने का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन टीम की कमजोरी पावर प्ले में ज्यादा रन नहीं बना सकी। स्पिनर्स नहीं चले तो वहीं एक सेट पैटर्न पर काम करना और ऑल राउंडर बल्लेबाजों की कमी, जो बॉलिंग कर सकें, ने उसे विश्व कप जीतने से रोक लिया। वहीं इंग्लैंड टीम ने पावर प्ले में तेजी से रन बनाए और उनके पास आल राउंडर भी काफी थे, जिससे वह विश्व चैंपियन बन गई।
भगवानदास छारिया, इंदौर