20 लाख से बनी पौधों की नर्सरी क्यों उखाड़ी, जवाब नहीं दे पाए डीआरएम
झज्जर, 7 जुलाई (हप्र) : शहीदी पार्क से पौधों की नर्सरी हटाने के मुद्दे की जांच होगी। एक तरफ देश भर में 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान पर ज़ोर है, वहीं दूसरी तरफ झज्जर के शहीदी पार्क से करीब डेढ़ दर्जन हरे-भरे पेड़ काटकर हरियाली को नष्ट कर दिया गया। झज्जर रेलवे स्टेशन पर पूर्व में करीब बीस लाख रूपए की लागत से बनाई पौधों की नर्सरी को भी उखाड़ फेंका गया है। इसका जवाब जानने के लिए जब मीडिया से झज्जर रेलवे स्टेशन पर निरीक्षण करने पहुंचे रेलवे विभाग के डीआरएम पुष्पेन्द्र रमन त्रिपाठी से सवाल किया तो वह अपने जवाब में इतना ही बोले कि जरूरत पड़ी तो दोबारा से नर्सरी को यहां रेलवे स्टेशन पर बनवा दिया जाएगा। उन्होंने जवाब में इस मामले को चैक करने की भी बात कही।
पौधों की नर्सरी उखाड़ने की शिकायत पर पहुंचे थे त्रिपाठी
त्रिपाठी सोमवार को झज्जर रेलवे स्टेशन पर निरीक्षण करने पहुंचे थे। उनकी आहट भांपकर झज्जर से हरियाणा व्यापार मंडल का एक प्रतिनिधिमंडल भी जिलाध्यक्ष राकेश अरोड़ा के नेतृत्व में उनसे मिलने पहुंचा और झज्जर में कई नई रेलगाड़ियां चलाए जाने की मांग कर डाली। उनकी मांग पर डीआरएम ने सहानुभूति पूर्वक विचार किए जाने की बात कही है। उन्होंने यहां झज्जर से खाटूश्याम के लिए कुछ समय चलने वाली रेलगाड़ी को नियमित रूप से चलने का आश्वासन भी दिया।
रेलवे रिर्जेवेशन कॉउंटर शुरू करने को लेकर डीआरएम ने इतना ही कहा कि इसके लिए जरूरी सवारियां होनी जरूरी होती है। लेकिन पूर्व में रिर्जेवेशन सेंटर को इसीलिए बंद किया गया था क्योंकि यहां से रेवेन्यू नहीं आ रहा था। झज्जर-फर्रूखनगर रेल लाइन को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने इतना ही कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
रेलवे स्टेशन का किया निरीक्षण, पौधों की नर्सरी हटाने की जांच होगी
वह जांच कराए जाने के बाद ही कुछ कह सकते है। झज्जर-रेवाड़ी-रोहतक रेलमार्ग को दोहरीकरण करने के सवाल पर डीआरएम ने कहा कि सर्वे चल रहा है और जल्द ही सार्थक परिणाम सभी के सामने होंगे। उन्होंने यहां के लोगों की कई रेल परियोजनाओं की मांग पर चुटकी लेते हुए कहा कि कुछ लोग चाहते है कि उनके घर के सामने ही रेलगाड़ी आकर खड़ी हो,लेकिन ऐसा कतई सम्भव नहीं है। उन्होंने इस दौरान झज्जर रेलवे स्टेशन का निरिक्षण किया और व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।