दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 6 अगस्त
हरियाणा में लॉकडाउन के वक्त अवैध बिकी शराब के मामले में टीसी गुप्ता की अध्यक्षता वाली स्पेशल इंक्वायरी टीम (एसईटी) की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई है। गृह मंत्री अनिल विज ने बृहस्पतिवार को मामले में न केवल एक आईएएस और एक आईपीएस के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा है बल्कि पूरे मामले की जांच स्टेट विजिलेंस ब्यूरो से कराने की सिफारिश भी की है। विज ने खुद ही मीडिया को एसईटी की जांच रिपोर्ट सौंपी है। प्रेस काॅन्फ्रेंस में विज ने कहा, एसईटी की रिपोर्ट के कुल छह चेप्टर हैं और वे रिपोर्ट से पूरी तरह से संतुष्ट हैं। कमेटी ने रिपोर्ट में माना है कि पड़ोसी राज्य पंजाब से अवैध शराब आई और लॉकडाउन के दौरान हरियाणा में बिकी। 2011-12 से विभाग ने डिस्टलरी में सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग नहीं की।
रिपोर्ट में एक्साइज के साथ पुलिस विभाग की भी लापरवाही बताई गई है। विज ने कहा कि आईपीएस अधिकारी प्रतीक्षा गोदारा के खिलाफ सीएम को कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा। सोनीपत में एसपी रहते हुए गोदारा ने खरखौदा शराब घोटाले के मुख्य आरोपी और शराब तस्कर भूपेंद्र सिंह को दो गनमैन दिए हुए थे। वहीं भूपेंद्र सिंह को आर्म्स लाइसेंस भी प्रतीक्षा गोदारा ने उस समय जारी किया, जब उस पर पांच मुकदमे चल रहे थे। विज ने कहा कि लॉकडाउन में शराब बिक्री पर रोक लगा दी गई लेकिन आबकारी एवं कराधान आयुक्त रहते हुए शेखर विद्यार्थी ने इसके लिखित में आदेश जारी नहीं किए। हालांकि एसईटी ने जब विद्यार्थी से पूछा तो बताया गया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस बारे में बताया गया था। विज ने कहा, एसईटी ने नारायणगढ़ स्थित एनवी डिस्टलरी में जाने के लिए कहा। शेखर विद्यार्थी ने 18 जुलाई को डिस्टलरी का दौरा कराने का तय कर लिया लेकिन उसी दिन एक्साइज पॉलिसी का हवाला देते हुए डिस्टलरी का दौरा कराने से इनकार कर दिया। एसईटी ने रिपोर्ट में कहा है कि महसूस होता है कि उन्हें डिस्टलरी में जाने से रोका गया। विज ने कहा कि आईएएस शेखर विद्यार्थी पर भी कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा।
रिपोर्ट में जो भी दोषी, उन पर कार्रवाई तय
विज ने कहा कि एसईटी की रिपोर्ट में जिस भी विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है, उन सभी पर एक्शन होगा। इसके लिए विभाग को लिखा जाएगा। विज ने कहा कि डिस्टलरी में सीसीटीवी कैमरे तो लगे हुए हैं लेकिन ये चल भी रहे हैं या नहीं, इसकी कभी जांच नहीं हुई। इसी तरह से एसईटी ने कहा है कि फरीदाबाद को छोड़कर प्रदेश के किसी भी जिले के डीईटीसी ने पकड़ी गई अवैध शराब को निर्धारित समय में नष्ट नहीं किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदेश में तीन डिस्टलरी लॉकडाउन पीरियड के दौरान भी चलती रही।
11 मई को बनी एसईटी
लॉकडाउन पीरियड के दौरान अवैध तरीके से शराब की बिक्री की शिकायतों व खबरों के बाद विज की सिफारिश पर सरकार ने वरिष्ठ आईएएस टीसी गुप्ता की अध्यक्षता में एसईटी का गठन किया था। एसईटी में एडीजीपी सुभाष यादव व एक्साइज के एडिशनल कमिश्नर विजय सिंह को शामिल किया था। एसईटी को 31 मई तक रिपोर्ट देने को कहा था लेकिन 27 मई को ही एसईटी ने जांच के लिए दो और माह का समय मांग लिया था। इस बीच 31 मई को सुभाष यादव के रिटायर होने के बाद एडीजीपी (अब डीजीपी) मोहम्मद अकील को एसईटी में शामिल किया गया। एसईटी की रिपोर्ट पर तीनों ही अधिकारियों के साइन हैं।
कई अफसरों से भी बातचीत का ब्योरा
एसईटी ने कुल छह चेप्टर में अपनी रिपोर्ट दी है। तीसरे चेप्टर में एसईटी ने एक्साइज अधिकारियों से बात की और चौथे चेप्टर में सोनीपत के पूर्व और मौजूदा पुलिस अधीक्षक से बात की गई। छठे चेप्टर में पूरी रिपोर्ट दी है। विज ने कहा कि करीब 2000 पेज की रिपोर्ट है। खरखौदा और समालखा शराब गोदाम की फिजिकल वैरिफिकेशन भी एसईटी ने की।