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एक सप्ताह में ही मंडी में जाम की स्थिति

किसानों-लेबर को पानी तक मयस्सर नहीं तो एक धर्मकांटा भी पड़ा खराब
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अम्बाला शहर की अनाज मंडी में बृहस्पतिवार को दूर-दूर तक लाइन में खड़े गेहूं से भरे ट्रक व उठान की इंतजार में भरी बोरियां। -हप्र
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जितेंद्र अग्रवाल/हप्र

अम्बाला शहर, 17 अप्रैल

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मात्र एक सप्ताह की आवक में ही क्षेत्र की सबसे बड़ी अम्बाला शहर की अनाज मंडी की व्यवस्था बुरी तरह चरमरा चुकी है। मंडी जाम की स्थिति में पहुंच चुकी है। वजन करने के 2 में से 1 कांटा आउट आफ आर्डर हो चुका है। तपती गर्मी में किसानों और लेबर को पीने का ठंडा पाानी तो क्या मिलना था, सामान्य जल भी मयस्सर नहीं हो रहा।

जानकारी के अनुसार शहर मंडी में 16 अप्रैल तक 316482 क्विंटल गेहूं की आवक हो चुकी है, जो पिछले साल की इसी अवधि से 189091 क्विंटल ज्यादा है। रोजाना करीब 70 हजार क्विंटल गेहूं मंडी में आ रही है जबकि लिफ्टिंग उस अनुपात में काफी कम है। शहर मंडी से उक्त अवधि तक मात्र 100417 क्विंटल गेहूं ही लिफ्ट की गई है। शेष करीब 2.16 लाख क्विंटल गेहूं उठान का इंतजार कर रही है। जिला की सभी मंडियों व खरीद केंद्रों पर 16 अप्रैल तक इस वर्ष 1425549 क्विंटल गेहूं आवक हो चुकी है, जो गत वर्ष की तुलना में 734900 क्विंटल अधिक है।

इसके विपरीत 403214 क्विंटल गेहूं ही लिफ्ट हो पाया है। ऐसे में जिला की मंडयों में करीब 20 लाख बोरी गेहूं उठान की इंतजार में है। इसे संवेदनहीनता की हद ही कहेंगे कि मंडी में पीने के ठंडे पानी के लिए लगाए गए कूलरों में पानी नहीं है, इसकी जानकारी किसी आढ़ती एसोसिएशन ने भी मार्केट कमेटी के अधिकारियों को नहीं दी। ‘दैनिक ट्रिब्यून’ ने किसानों और लेबर की समस्या को समझते हुए जब पीने के पानी को लेकर मार्केट कमेटी सचिव दलेल सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि आधा घंटा पहले ही ट्यूबवैल चलाया गया था, गर्मी के कारण पानी जल्द समाप्त हो गया होगा, अभी चैक करवा लेते हैं। जब चैक करवाया तो पता चला कि उनके पाइप ही जाम थे, जिस कारण न तो पानी उनमें जा रहा था और न ही ठंडा हो रहा था।

फिलहार लेबर और किसानों ने पेयजल आपूर्ति फिर से बहाल होने के बाद राहत की सांस ली है।

मंडी में एक धर्मकांटा खराब

आवक और लिफ्टिंग के लिए वाहनों को तोलने के लिए लगाए गए दोनों गेटों के धर्म कांटों में से गेट नंबर 1 का धर्मकांटा खराब हो गया, जिससे पूरा लोड दूसरे कांटे पर पड़ गया और मंडी जाम की स्थिति में पहुंच गई। हालत कई बार तो ऐसी हो जाती कि दोपहिया वाहन निकालना भी दुश्वार हो गया। मंडी सुपरवाइजर जयपाल की मानें तो एक कांटे में आई तकनीकी खराबी को ठीक करने के लिए मैकेनिक किसी भी समय आ जाएगा।

गेहूं खरीद प्रारंभ होने के तुरंत बाद मंडियों में आवक बड़ी तेजी से हो रही है। उठान और लेबर के ठेके इस बार कुछ देरी से हो पाए, जिसके कारण भी लिफ्टिंग देरी से प्रारंभ हुई। मूलभूत सुविधाओं में यदि कमी की शिकायत आती है तो उसे ठीक करवा दिया जाएगा। खरीद एजेंसियों को तेजी से उठान के आदेश पहले से ही दिए गए हैं। जल्द ही सारी व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी। 

-अजय सिंह तोमर, उपायुक्त, अम्बाला

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