पानीपत, 2 जून (हप्र)
पानीपत जिला में यमुना तलहटी के करीब एक दर्जन गांव में यमुना तटबंध के अंदर व बाहर किसानों द्वारा खरबूजा की फसल उगाई जाती है। खरबूजा की फसल के लिये यमुना तलहटी की मिट्टी और जलवायु उपयुक्त मानी जाती है। इसमें अच्छी गुणवत्ता वाले और स्वादिष्ट खरबूजे होते हैं। तलहटी के गांव राणा माजरा, पत्थरगढ, नवादा आर, नवादा पार, तामशाबाद, सनौली खुर्द, रिशपुर व नन्हैडा आदि में किसानों द्वारा ज्यादातर खरबूजे की मधु व जौनपुरी किस्मों को उगाया जाता है। इस बार यमुना तलहटी के विभिन्न गांवों में किसानों द्वारा करीब 15 हजार एकड में मधु खरबूजा और करीब 3 हजार एकड में जौनपुरी खरबूजा उगाया गया है। जबकि पिछले वर्ष करीब 21 हजार एकड में खरबूजे उगाई गई थी। यमुना तलहटी के मधु व जौनपुरी खरबूजे की मिठास के चलते दिल्ली की आजादपुर मंडी, सोनीपत व पानीपत सब्जी मंडियों में बहुत ज्यादा डिमांड रहती थी। लेकिन इस बार कई बार बारिश होने से मौसम में नमी रही और मई माह में भी लू (गर्म हवा) नहीं चली, जिसके चलते मधु व जौनपुरी खरबूजा में गर्मी के चलते जो मिठास होती थी, वह नहीं हो पाई। इस बार यमुना तलहटी के खरबूजे की दिल्ली की आजादपुर मंडी सहित अन्य सब्जी मंडियों में कम डिमांड रही।
मिठास कम होने से इस बार दिल्ली की आजादपुर मंडी में भाव भी कम रहा। किसानों के अनुसार पिछले वर्ष खरबूजे की 30-35 किलो की एक पन्नी का भाव 500 से 700 रूपये था और डिमांड भी बहुत अच्छी रही थी लेकिन इस बार खरबूजे की एक पन्नी का भाव 350 से 400 रूपये के आसपास चल रहा है।
क्या कहते हैं यमुना तलहटी के किसान : खरबूजा उत्पादक किसान सुनील, सतीश, राजिंद्र, राजपाल,मदन, महाबीर, श्मशाद, महबूब व यामिन आदि ने बताया कि ज्यादातर किसानों ने गेहूं की फसल के अंदर ही खरबूजों की फसल की बिजाई की गई थी। गेहूं की फसल तो अप्रैल माह में कट गई और मई के आखरी सप्ताह में मधु व जौनपूरी खरबूजा की फसल मार्केट में आनी शुरू हो गई। लेकिन इस बार ज्यादा गर्मी नहीं पड़ने से खरबूजा में मिठास नहीं हो पाई।
पहले दिल्ली आजादपुर मंडी, पानीपत व सोनीपत की सब्जी मंडियों और सनौली खुर्द के पास बने विभिन्न बडी कंपनियों के सब्जी व फल खरीद केंद्रों पर मधु व जौनपुरी खरबूजे की बहुत ज्यादा डिमांड होती थी पर इस बार मिठास नहीं होने पर डिमांड कम रही, इससक भाव भी कम मिल रहा है। यह खरबूजा अभी 15-20 दिन तक चलेगा और बाद में ज्यादातर किसानों द्वारा इस जमीन में धान की रोपाई की जाएगी।
''जिला बागवानी अधिकारी डा. शार्दूल शंकर ने बताया कि यमुना तलहटी की मिट्टी व जलवायु खरबूजे व तरबूज की फसलों के लिये अच्छी मानी जाती है। गर्मी के मौसम में लू चलने पर खरबूजे में ज्यादा मिठास होती है। लेकिन इस बार कई बार बारिश आने से लू नहीं चली, जिससे खरबूजा में मिठास कम रही।''