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शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहा शहीद परमिन्द्र सिंह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तेजली

यमुनानगर, 4 अप्रैल (हप्र)शहीद परमिन्द्र सिंह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, तेजली पिछले तीन वर्षों से लगातार 10-12 अध्यापकों की कमी से जूझ रहा है। विद्यालय के स्टाफ ने बताया कि अभी नई नियुक्ति में तीन वर्षों के बाद गणित व...
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यमुनानगर का तेजली स्कूल। -हप्र
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यमुनानगर, 4 अप्रैल (हप्र)शहीद परमिन्द्र सिंह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, तेजली पिछले तीन वर्षों से लगातार 10-12 अध्यापकों की कमी से जूझ रहा है। विद्यालय के स्टाफ ने बताया कि अभी नई नियुक्ति में तीन वर्षों के बाद गणित व विज्ञान के शिक्षक तो आ गये हैं किंतु इनके अतिरिक्त भी दस विषयों के शिक्षकों के पद रिक्त हैं जबकि आवश्यकता तो और भी अधिक है।

विद्यालय में पॉलिटिकल साइंस, पब्लिक एड, इतिहास, हिन्दी, अंग्रेजी, फिजिकल एजुकेशन, कम्प्यूटर प्रवक्ताओं के पद रिक्त पड़े हैं। वहीं, संस्कृत, हिन्दी, संगीत के अध्यापकों के पद भी खाली पड़े हैं।

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2022 में विद्यालय दसवीं से बारहवीं तक प्रोन्नत होने पर आस-पास के 6-7 गांवों तेजली, गधोली, दड़वा, परवालों, मांडखेडी, मुंडा खेड़ा, दड़वा कॉलोनी, भगवान गढ़ आदि में खुशी की लहर थी। सभी गांवों से बच्चों ने एडमिशन भी लिए किंतु अगले वर्ष भी शिक्षक न आने पर बच्चे कम होने लगे।

स्टाफ का कहना है कि तत्कालीन शिक्षा मंत्री की बदौलत समस्या को देखते हुए कुछ अध्यापकों की एडजेस्टमेंट कर काम चलाया गया किंतु इस वर्ष एक-दो छोड़कर सभी एडजेस्टमेंट कैंसिल कर दी गई थी और विद्यार्थी शिक्षकों के अभाव में कार्य करते रहे।

गांव के जागरूक युवा नविन्द्र धीमान, सुरेन्द्र व संजय आदि ने कहा कि इस बार यदि सरकार शिक्षकों की ट्रांसफर करती है तो शिक्षक आने की उम्मीद है अन्यथा विद्यालय की संख्या आधी रह जायेंगी।

भवन न होने से बरामदों में चल रही कक्षाएं

गांव वालों ने बताया कि उन्हीं उम्मीद थी कि प्रोन्नत होने के बाद विद्यालय में साइंस, कॉमर्स, मेडिकल आदि स्ट्रीम शुरू होगी। इसके लिए भवन निर्माण का एस्टीमेट भी बनवाकर भेजा था किंतु 13 कमरों का सवा दो करोड़ का बजट भी दो बार चुनाव आचार संहिता की भेंट चढ़ गया। ट्रांसफर न होने से शिक्षक भी नहीं आये। चार-पांच कक्षाएं तो बरामदे में ही चल रही हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि शहीद परमिन्द्र सिंह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तेजली में शीघ्र ही भवन निर्माण कराया जाये तथा सभी विषयों के शिक्षक पूरे कराये जायें ताकि गरीब परिवारों के बच्चें सही, सस्ती शिक्षा प्राप्त कर अपना भविष्य बना सके।

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