वैश्य एजुकेशन सोसायटी चुनाव में हंगामा : फर्जी हस्ताक्षर, आरोप-प्रत्यारोप और पुलिस शिकायत तक पहुंचा मामला
रोहतक, 11 जुलाई (हप्र) : वैश्य एजुकेशन सोसायटी, रोहतक के कॉलेजियम चुनाव शुक्रवार को उस समय विवादों में घिर गए जब नामांकन प्रक्रिया के बीच मतदान स्थल पर जोरदार हंगामा हो गया। चुनाव अधिकारी एवं महासचिव राजेन्द्र बंसल ने पूर्व प्रधान नवीन जैन समेत पांच लोगों के खिलाफ शिवाजी कॉलोनी थाना पुलिस को लिखित शिकायत दी है।
राजेन्द्र बंसल के अनुसार, नवीन जैन, राहुल जैन, राजेश नवल, राधेश्याम पुठीवाले और गौरव अग्रवाल ने सुबह लगभग 11:15 बजे चुनाव प्रक्रिया में जानबूझकर बाधा डाली, कर्मचारियों से अभद्रता की और गाली-गलौज करते हुए शांति भंग करने का प्रयास किया। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप बताते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने बताया कि कार्यालय में तैनात कर्मचारियों ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित किया, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। इसके बाद संस्था कार्यालय में निजी सुरक्षा गार्ड भी तैनात कर दिए गए।
रितु गर्ग ने लगाए फर्जी साइन के आरोप
विवाद की शुरुआत सुबह करीब 10 बजे हुई, जब संस्था की आजीवन सदस्य रितु गर्ग ने आरोप लगाया कि उनके नाम का इस्तेमाल कॉलेजियम नंबर 105 से एक प्रत्याशी के नामांकन में प्रस्तावक के रूप में किया गया, जबकि उन्होंने कोई हस्ताक्षर नहीं किए। वह शिकायत लेकर संस्था कार्यालय पहुंचीं। रितु गर्ग ने बताया कि उनके साथ पूर्व प्रधान नवीन जैन सहित अन्य लोग भी थे। उन्होंने साफ किया कि उनके साथ तो कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ, बल्कि चुनाव अधिकारी राजेन्द्र बंसल ने नवीन जैन से अनुचित व्यवहार किया।
वैश्य एजुकेशन सोसायटी के पूर्व प्रधान बोले – चुनाव में गड़बड़ी हो रही
वहीं, इस मामले में पूर्व प्रधान नवीन जैन ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव प्रक्रिया में भारी धांधली हो रही है। "पहले दो वार्डों में फर्जी साइन पकड़े गए, अब 105 नंबर वार्ड में भी यही मामला सामने आया है। हमने को-आरओ के सामने आपत्ति रखी, लेकिन आरओ ने उल्टा हमारे खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी।"
पूर्व प्रधान ने यह भी आरोप लगाया कि "महाराजा अग्रसेन प्रगति ग्रुप के कुछ सदस्यों ने हम पर हमला किया। अब हम जिला रजिस्ट्रार और पुलिस को शिकायत सौंपेंगे।
क्या कहते हैं चुनाव अधिकारी
चुनाव अधिकारी एवं महासचिव राजेन्द्र बंसल का कहना है कि इन लोगों ने बिना किसी उकसावे के शोर-शराबा किया, गाली-गलौच की और अधिकारियों के साथ बदसलूकी की। उन्होंने बताया कि इस हरकत से न केवल चुनाव की निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न लगा, बल्कि उपस्थित स्टाफ और अन्य लोगों में भय और तनाव का माहौल भी पैदा हो गया। उन्होंने कहा कि यह आचरण लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और कर्मचारियों के कर्तव्यों में बाधा डालने जैसा गंभीर अपराध है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।