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विद्यालयी समय में ‘रेमिडियल क्लासेज’ के नाम पर नियमित पूर्णकालिक विद्यालय अवैध घोषित

नियमानुसार कार्य नहीं कर रहे प्ले वे स्कूलों पर भी कार्रवाई के आदेश
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जितेंद्र अग्रवाल/हप्र

अम्बाला शहर, 28 अप्रैल

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हरियाणा के विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश में नियमित विद्यालयी समय में रेमिडियल क्लासेज के नाम पर पूर्णकालिक विद्यालय संचालित करने को अवैध घोषित किया है। साथ ही प्ले स्कूल में 5 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को नामांकित करने एवं कक्षा 1 से 5 तक की पढ़ाई कराना अवैध बताकर जिला शिक्षा एवं जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही कहा कि गैर मान्यताप्राप्त विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को निकटतम सरकारी विद्यालयों में प्रवेश देना अनिवार्य है, चाहे उसमें प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी हो।

महानिदेशक मौलिक शिक्षा हरियाणा के हवाले से दिए गए आदेशों में कहा गया कि कुछ शहरी क्षेत्रों में प्ले स्कूल नाम पर ऐसे संस्थान संचालित हो रहे हैं जिनमें कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थी नामांकित हैं, जो शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है। इसी प्रकार कुछ गैर सरकारी संगठन व फाउंडेशन रेमिडियल क्लासेज के नाम पर नियमित विद्यालयी समय में पूर्णकालिक विद्यालय संचालित कर रहे हैं, जो कि पूर्णत: अवैध है।

स्पष्ट किया गया कि केवल मान्यताप्राप्त विद्यालयों को ही नियमित स्कूली शिक्षा देने की अनुमति है। मालूम हो कि रेमिडियल कक्षाएं इसलिए प्रारंभ की गई थी ताकि स्कूलों में उन बच्चों को लाभ मिल सके जिनके विशेष विषय कमजोर हैं और पिछली कक्षाओं में इन विषयों नें नंबर कम आए हैं।

निदेशालय के अनुसार सरकारी स्कूल भवनों में कुछ गैर शैक्षणिक संस्थान व एनजीओ द्वारा भी कार्य किये जा रहे हैं, जो शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है। उन्होंने आदेश दिए कि प्ले स्कूल में 5 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को नामांकित करने एवं कक्षा 1 से 5 तक की पढ़ाई करवाने को तुरंत बंद किया जाए। रेमिडियल कक्षाओं को यदि विद्यालय समय में नियमित विद्यालय के रूप में चलाई जा रही हों, तो उसे तुरंत बंद करवाया जाए क्योंकि कोई भी एनजीओ अथवा संस्थाएं बिना विभागीय स्वीकृति के, विद्यालयी समय में शैक्षणिक गतिविधियां नहीं चला सकती। इन आदेशों के साथ निदेशालय ने यह निर्देश भी दिए कि अपने जिले में क्लस्टर स्तर पर सीआरसी को इस प्रकार के संस्थानों की पहचान करने के लिए निर्देशित करें। यदि किसी कलस्टर में ऐसा संस्थान शिक्षा की दुकान (टीचिंग शॉप) चलाता पाया गया तो कलस्टर प्रभारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। सभी ब्लॉक अधिकारी सूची तैयार करें, जिसमें ऐसे एनजीओ संचालित यूनिट्स, टीचिंग शॉप्स, प्ले स्कूल और गैर मान्यताप्राप्त स्कूल सम्मिलित हों। निदेशालय ने इन मामलों में आरटीई एक्ट के अनुसार की गई कार्रवाई की रिपोर्ट विभाग को शीघ्र प्रेषित करने को कहा है।

रेमिडियल क्लासेज, प्ले वे स्कूलों आदि को लेकर निदेशालय ने विस्तृत आदेश दिए हैं। आदेशों की अनुपालना के लिए जिले में क्लस्टर स्तर पर सीआरसी को इस प्रकार के संस्थानों की पहचान करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। गैर मान्यताप्राप्त विद्यालयों में पढ़ने वाले सभी छात्रों को निकटतम सरकारी विद्यालयों में प्रवेश मिले, इसके आदेश भी दिए गए हैं। 

-सुधीर कालड़ा, जिला मौलक शिक्षा अधिकारी, अम्बाला

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