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सीबीआई के रिकॉर्ड मांगने पर अधिकारियों और अध्यापकों को झेलनी पड़ रही परेशानी

गुहला चीका, 7 जून (निस) सीबीआई द्वारा प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों से अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा बीपीएल से संबंधित छात्र, छात्राओं की जानकारी मांगी गई है। इस के तहत स्कूलों को छात्रों की वर्दी, वन टाइम अलाउंस,...
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गुहला चीका, 7 जून (निस)

सीबीआई द्वारा प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों से अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा बीपीएल से संबंधित छात्र, छात्राओं की जानकारी मांगी गई है। इस के तहत स्कूलों को छात्रों की वर्दी, वन टाइम अलाउंस, स्टायफंड, स्टेशनरी, बैग, प्रोत्साहन राशि व मिड-डे मील की जानकारी देनी है। यह जानकारी पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में विचाराधीन एक केस के संबंध में मांगी गई है। इस संबंध में हाईकोर्ट ने 2 नवंबर 2019 के एक आदेश का हवाला देकर जानकारी जुटाने का आदेश दिया था। अब सीबीआई ने प्रदेश के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारीयों को नोटिस जारी कर सूचना देने को कहा है। सीबीआई के आदेश के बाद सूचना देने में शिक्षा विभाग व प्राथमिक मौलिक शिक्षकों के हाथ पांव फूल रहें है क्योंकि प्राथमिक स्तर पर लंबे अर्से से शिक्षकों को रिकॉर्ड के रख रखाव का कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया और न ही प्राथमिक स्कूलों में कम्प्यूटर विशेषज्ञ हैं। कंप्यूटर विशेषज्ञ न होने से एक्सल शीट बनाने में शिक्षकों को परेशानी आ रही है।

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हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ कैथल के जिला संगठन सचिव सुरेश द्रविड़ ने कहा कि छुट्टियों के बीच में जानकारी मांगना अध्यापकों की छुट्टियां खराब करने जैसा है। द्रविड़ ने कहा कि स्कूल खुलने के बाद यह जानकारी मांगी जाती तो अच्छा रहता। जानकारी जुटाने के लिए शिक्षकों को छुट्टियों में भी स्कूलों आना पड़ रहा है। इस सूचना को एकत्रित करने के चक्कर में शिक्षक और उनके परिवार के सदस्य छुट्टियों का लुत्फ उठाने से वंचित रह गए हैं। उन्होंने कहा कि यह पूरी जानकारी केंद्र स्तर पर पहले से ही उपलब्ध है। विभाग को वहीं से सीबीआई को जानकारी भेजनी चाहिए थी। सुरेश द्रविड़ ने कहा कि अच्छा रहता कि स्कूलों से पहले संख्या अनुसार तथा प्राप्त राशि अनुसार स्कूलों की पहचान कर ली जाती, इसके पश्चात जो स्कूल संदेह के घेरे में आते, उन स्कूलों की पूर्ण जांच की जाती। शिक्षकों ने मांग की है कि जांच से संबंधित सभी जानकारी छुटियां खत्म होने के पश्चात ली जाए।

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