जींद रोड स्थित हैफेड के गोदाम में गेहूं के स्टॉक पर पानी डालने की आशंका मामले में जिला प्रशासन की जांच जारी है। इस मामले में कैथल के एसडीएम अजय ने गुप्त सूचना के आधार पर मंगलवार रात के समय हैफेड कार्यालय में बने गोदाम का औचक निरीक्षण किया था। इसके बाद यहां पहुंची टीम ने रात के समय ही गेहूं के सैंपल लिए थे। निरीक्षण के दौरान प्रशासन को 10 हजार से अधिक बैग भीगने की आशंका जताई थी। हालांकि बाद में की जांच में नमी की मात्रा 12.6 प्रतिशत पाई गई। वहीं, अभी तक की जांच में यह भी सामने नहीं आया है किसने सरकार को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है। इस मामले में कैथल के एसडीएम का कहना है कि उन्होंने मंगलवार को पानी डाले जाने की गुप्त सूचना के आधार औचक निरीक्षण किया था। इस निरीक्षण के दौरान मार्केट कमेटी और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की टीमों ने सात सैंपल लिए हैं। सभी सैंपलों में 12.6 प्रतिशत नमी मिली है। दरअसल, इससे पहले भी करीब डेढ़ साल पहले भी इसी गोदाम में रखे गए गेहूं के कट्टों पर पानी डालने का मामला सामने आया था, लेकिन बाद चंडीगढ़ मुख्यालय की टीम ने जांच के बाद विभाग को क्लीन चिट दे
दी थी।
11 से 12 प्रतिशत होनी चाहिए नमी : सरकार के नियमों के तहत अनाज मंडी में आए गेहूं की नमी की मात्रा 12 से 14 प्रतिशत होनी चाहिए। इसके बाद फसल की खरीद होने के बाद इसकी नमी की मात्रा 11 से 12 होनी चाहिए। एसडीएम के निरीक्षण में अधिक नमी तो बढ़ी हुई नहीं मिली, लेकिन इसमें कुछ आंशिक प्रतिशत नमी बढ़ी हुई है। अब जिला प्रशासन क्लीन चिट देता या सरकार को नुकसान पहुंचाने की मंशा रखने वाले के खिलाफ कोई कार्रवाई करता है, यह देखने वाली बात होगी।