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प्रवासियों का मुद्दा : सीएम समेत अन्य दफ्तरों को 8 साल पहले भेजी थी शिकायत, बयान के लिए अब आया पुलिस का फोन

जितेंद्र अग्रवाल/हप्र अम्बाला शहर, 5 जून मुख्यमंत्री व अन्य दफ्तरों को अति संवेदनशील मुद्दे पर 8 साल पहले भेजी गई शिकायत पर अब पुलिस जागी ने संबंधित शिकायतकर्ता से संपर्क साध कर बयान दर्ज करवाने को कहा। शिकायत ई-मेल के...
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जितेंद्र अग्रवाल/हप्र

अम्बाला शहर, 5 जून

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मुख्यमंत्री व अन्य दफ्तरों को अति संवेदनशील मुद्दे पर 8 साल पहले भेजी गई शिकायत पर अब पुलिस जागी ने संबंधित शिकायतकर्ता से संपर्क साध कर बयान दर्ज करवाने को कहा। शिकायत ई-मेल के माध्यम से 18 सितंबर 2016 को भेजी गई थी जिसका संस्मण मेल इस वर्ष 30 अप्रैल को लिखा था। मामला पिछले कुछ समय से दिन प्रतिदिन बाहरी/अप्रवासी लोगों की लगातार बढ़ रही संख्या का था जिसके लिए आरटीआई कार्यकर्ता राजेश पाहूजा ने इस मुद्दे को उठाया था। जम्मू कश्मीर के उरी में आतंकवादी हमले वाले दिन भेजे गए इस पत्र में उन्होंने कहा था कि सुरक्षा के लिहाज से अम्बाला एक संवेदनशील इलाका है क्योंकि यह सैन्य क्षेत्र है, इस लिहाज से भी यह विषय गंभीर है। उन्होंने हवाला दिया कि इंको से सेक्टर 9 पर लगी रेहड़ी, सेक्टर 9 में पीर से लेकर सेक्टर 10 तक और मेन सड़क सेक्टर-8 तक कई रेहड़ी वाले, पुराने सेशन कोर्ट के बाहर, सिविल हस्पताल, पॉलीटेक्निक चौक, कपड़ा मार्केट और स्कूलों के बाहर, बस स्टैंड के बाहर और अन्य अम्बाला शहर के सार्वजानिक स्थान पर इनकी भरमार है।

उन्होंने कहा कि बिना राजनैतिक और सरकारी मिलीभगत यह काम नहीं हो सकता है। इनके राशन कार्ड तक अम्बाला शहर के बन गए हैं और अगर अभी से इस समस्या से निपटने के लिए कोई पुख्ता कार्रवाई नहीं की गई तो भविष्य में यह समस्या विकराल रूप ले लेगी। इनमें अधिकतर रिक्शा चालक रेहड़ी वाले और ऑटो चलाने के काम में लगे हुए हैं और इन्हें तमाम तरह के सरकारी और चंद लोगों ने अपने अपने स्वार्थ के लिए संरक्षण दिया हुआ है।

राजेश बोले- िसतंबर 2016 में की थी शिकायत

वहीं सूचना अधिकार कार्यकर्ता राजेश पाहूजा ने बताया कि आज पुलिस कर्मी उनके घर पर आए थे, लेकिन वह उनसे मिल नहीं सके। इसके बाद फोन पर संपर्क करने पर उन्होंने शिकायत को लेकर जानकारी दी, लेकिन पूरे विषय के बारे कोई बात नहीं की। बाद में जांच अधिकारी के संपर्क करने पर सारे मामले का खुलासा हुआ कि जो शिकायत देशहित में उन्होंने 2016 में की थी, उस पर अब जांच के लिए संपर्क किया गया है। खैर समय मिलते ही वह जांच अधिकारी से संपर्क करके उन्हें बताएंगे कि उनकी शिकायत ही उनके बयान हैं, जिस पर कार्रवाई की जाए।

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