करनाल सहकारी शुगर मिल को तीसरी बार मिलेगा तकनीकी दक्षता अवार्ड
करनाल, 16 मई (हप्र)
सहकारी शुगर मिल करनाल को तकनीकी दक्षता की श्रेणी में लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल को-आपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज फेडरेशन (एनएफ सीएसएफ) द्वारा प्रथम पुरस्कार के लिए चुना गया है, जो मिल के लिए गर्व की बात है। चीनी मिल करनाल के प्रबंध निदेशक राजीव प्रसाद नेशनल शुगर फेडरेशन की ओर से नई दिल्ली में आयोजित होने वाले विशेष कार्यक्रम में अवार्ड हासिल करेंगे। नेशनल फेडरेशन द्वारा देशभर के करीब 260 से अधिक सहकारी शुगर मिलों में से तकनीकी तौर पर प्लांट को पूरी दक्षता से चलाने के लिए करनाल सहकारी शुगर मिल को तकनीकी दक्षता अवार्ड के तौर पर चुना गया है। मिल 21 नवंबर, 2024 से शुरू होकर 15 अप्रैल, 2025 तक यानी 145 दिन चली। इस दौरान मिल द्वारा करीब 48 लाख 10 हजार क्विंटल गन्ना की पिराई कर करीब 4 लाख 55 हजार 320 क्विंटल चीनी बनाई।
8 हजार किसान जुड़े
करनाल सहकारी शुगर मिल से करीब 8 हजार किसान जुड़े हैं। मिल से जुड़े किसानों द्वारा करीब 22 हजार एकड़ में गन्ना की फसल लगाई हुई है। मिल द्वारा गन्ना की फसल का रकबा बढ़ाने के लिए हर साल किसानों को उच्च क्वालिटी का गन्ना का बीज उपलब्ध करवाया जाता है, गन्ना की वैरायटियों में सीओ 118, सीओ 238, सीओएच 160, सीओ 5011 शामिल हैं।
किसानों को भुगतान करने में बनाया कीर्तिमान
सहकारी चीनी मिल करनाल द्वारा 2024-25 में किसानों से खरीदे गए गन्ना की फसल का 192 करोड़ रुपए में से 190 करोड़ रुपए का भुगतान करके प्रदेशभर में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह दर्शाता है कि मिल अपनी पूरी क्षमता के साथ चलायी जा रही है और अतिरिक्त आय भी अर्जित करने में गंभीरता के साथ प्रयास कर रही है। मिल ने 22 करोड़ रुपए से अधिक की अतिरिक्त बिजली को हरियाणा पावर परचेज सेंटर को बेचा जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।
''नेशनल को-आॅपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज फेडरेशन द्वारा करनाल सहकारी शुगर मिल को लगातार तीसरी बार तकनीकी दक्षता की श्रेणी में प्रथत पुरस्कार के तौर पर चयनित किया गया है। जो मिल के लिए बड़ी उपलब्धि है। मिल पूरी क्षमता के साथ काम कर रही है। मिल में 48 लाख 10 हजार क्विंटल गन्ने की पिराई कर 4 लाख 55 हजार से अधिक चीनी बनाई। मिल हर क्षेत्र में बेहतरीन काम कर रहा है। ''
-राजीव प्रसाद, प्रबंध निदेशक