अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव आज होगा शुरू, सीएम करेंगे शिरकत
कुरुक्षेत्र, 4 दिसंबर (हप्र)
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 का बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री नायब सैनी शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री के अलावा केरल के राज्यपाल हरीफ मोहम्मद खान व जंजीबार के सांस्कृतिक मंत्री के आगमन को लेकर शहर में सुरक्षा-व्यवस्था चाक चौबंद की गई है। इन कार्यक्रमों को लेकर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और हर कार्यक्रम स्थल पर एचपीएस के साथ-साथ एचसीएस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। पुरुषोत्तमपुरा बाग, वीआईपी रोड यूनिवर्सिटी, ब्रह्मसरोवर के उतरी गेट की तरफ सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था का आकलन करने के लिए डीसी नेहा सिंह, एसपी वरुण सिंगला ने कार्यक्रम स्थलों को निरीक्षण किया और अधिकारियों को कुछ आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री नायब सैनी, केरल के राज्यपाल हरीफ मोहम्मद खान, जंजीबार और ओडिसा के सांस्कृतिक मंत्री, ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में हरियाणा पेवेेलियन, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति कार्य विभाग की राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे और महापूजन व महाआरती में शिरकत करेंगे। इन सभी कार्यक्रमों में सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम होंगे। डीसी ने कहा कि केरल के राज्यपाल, प्रदेश के राज्यपाल, स्वामी ज्ञानानंद, स्वदेशी जागरण मंच के सतीश कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम हॉल पर 5 दिसंबर को सुबह 11 बजे पहुंचेंगे और अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ करेंगे। डीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए है और सभी कार्यक्रमों स्थलों पर अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय पूरी तरह से तैयार
तीन दिवसीय 9वें अंतर्राष्ट्रीय गीता सम्मेलन के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय पूरी तरह से तैयार है। विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम हॉल में बृहस्पतिवार को होगा। प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय बतौर मुख्यातिथि तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय गीता सम्मेलन और 11 दिसम्बर तक ब्रह्मसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में बने हरियाणा पैवेलियन का उद्घाटन करेंगे। कुलपति ने बताया कि श्रीमद्भगवद् गीता आधारित संतुलित प्रकृति व शुद्ध पर्यावरण विषय पर होने वाले इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, स्वामी ज्ञानानंद सहित देश व दुनिया से विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ अपने विचारों को सांझा करेंगे। सम्मेलन में 12 तकनीकी सत्रों में विद्वान मंथन करेंगे व 7 दिसम्बर को गीता संसद का भी आयोजन किया जाएगा।