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गन्ने में रस चूसक कीड़ों का प्रकोप

कृषि विश्वविद्यालय की टीम ने किया निरीक्षण सुरेंद्र मेहता/ हप्र यमुनानगर, 15 जुलाई यमुनानगर के कई गांवों में गन्ने में रस चूसक कीड़ों का प्रकोप होने से गन्ना उत्पादकों की चिंताएं बढ़ गई हैं। इससे फसल को भारी नुकसान होने...
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कृषि विश्वविद्यालय की टीम ने किया निरीक्षण

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सुरेंद्र मेहता/ हप्र

यमुनानगर, 15 जुलाई

यमुनानगर के कई गांवों में गन्ने में रस चूसक कीड़ों का प्रकोप होने से गन्ना उत्पादकों की चिंताएं बढ़ गई हैं। इससे फसल को भारी नुकसान होने की संभावना है। इसी बीच चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, उचानी, करनाल व कृषि विज्ञान केंद्र, दामला के कृषि वैज्ञानिकों की संयुक्त टीम जिसमें डॉ. महा सिंह, डॉ. अराधना, डॉ. हरबिंदर सिंह, डॉ. नवीन कुमार व डॉ. विजेता गुप्ता ने यमुनानगर शुगर मिल क्षेत्र के कई गांवों में गन्ने की फसल का निरीक्षण किया।

कृषि विज्ञान केंद्र समन्वयक डॉ. संदीप रावल ने बताया कि कुछ गांवों जैसे करतारपुर, बकाना, धोली, मोहड़ी व अल्हार में पोक्का : बोइंग, चोटी बेधक व रस चूसक कीड़ों का प्रकोप मिला। पोक्का : बोइंग का सबसे ज्यादा प्रकोप सीओ 0118 व सीओ 0238 किस्म में पाया गया। उन्होंने बताया कि सीओ 0238 किस्म में चोटी बेधक का प्रकोप भी मिला जो की 5.0 प्रतिशत एवं आर्थिक कगार (ईटीएल) से कम था इसलिए चोटी बेधक के लिए किसी स्प्रे की जरूरत नहीं हैं केवल चोटी बेधक युक्त पौधों को खेत से निकाल कर नष्ट कर दें। उन्होंने बताया कि भविष्य में तराई बेधक की रोकथाम के लिए अंडे के परजीवी का प्रयोग करने की सलाह किसानों को दी। खेतों में निरीक्षण के दौरान गन्ने के प्रगतिशील किसान सतपाल कौशिक, सतीश कुमार, धर्मपाल व वागीश कम्बोज भी उपस्थित रहें व टीम का सहयोग किया।

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