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Haryana News : मधुमक्खी के जहर से भी कमा सकते हैं लाखों रुपए

मधुमक्खी का जहर कैंसर और एचआईवी जैसी घातक बीमारियों के सेल्स को करता है खत्म
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पंकज अरोड़ा/निस

पिपली (कुरुक्षेत्र), 10 अप्रैल

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साइंटिस्टों की नई रिसर्च से सामने आया है कि मधुमक्खी से शहद के साथ-साथ उसके जहर से भी मधुमक्खी पालक लाखों रुपए कमा सकते हैं। हरियाणा समेत पूरे भारत में मधुमक्खी पालन बड़े स्तर पर किया जाता है, क्योंकि मधुमक्खी पालन में काफी कम लागत में अच्छा मुनाफा होता है। मधुमक्खी पालन करने का मुख्य उद्देश्य शहद प्राप्त करना होता है, लेकिन नई-नई तकनीक आने के बाद अब शहद के साथ-साथ मधुमक्खियाें से मॉम, पराग व जैली इत्यादि बनाई जा रही है। क्योंकि देश और विदेशों में शहद की बहुत ज्यादा डिमांड रहती है, जिसके चलते मधुमक्खी पालन बड़े स्तर पर किया जा रहा है।

इंडो इस्राइल अधिकृत मधुमक्खी पालन केंद्र रामनगर कुरुक्षेत्र की साइंटिस्ट डॉ. नेहा चौधरी ने बताया कि मधुमक्खी का जहर बहुत खास होता है। इसकी कीमत प्रति ग्राम 30,000 से लेकर 1,00,000 तक होती है। इसकी वजह यह है कि मधुमक्खी के जहर की फार्मा और कॉस्मेटिक कंपनी में भारी डिमांड रहती है। यह कई प्रकार की दवाइयाें और कॉस्मेटिक उत्पाद में प्रयोग किया जाता है। भारत ही नहीं विदेशों में भी इसकी काफी डिमांड है जिसके चलते इसकी बहुत ज्यादा कीमत है। मधुमक्खी के जहर में 55% से ऊपर मेलिटिन होना चाहिए, तभी उसकी कीमत 30,000 से लेकर 1 लाख तक प्रति ग्राम होती है। मेलिटिन मधुमक्खी के जहर का सबसे अहम अंश होता है जिसमें कई प्रकार की दवाइयां में प्रयोग किया जाता है। डॉ. नेहा चौधरी ने बताया कि मधुमक्खी का जहर इकट्ठा करने के लिए विशेष उपकरण की आवश्यकता होती है। मधुमक्खी का जहर निकालने के लिए बी वेनम कलेक्टर का प्रयोग किया जाता है। यह एक इलेक्ट्रिक उपकरण होता है जिसमें हल्का करंट छोड़कर मधुमक्खी का जहर इकट्ठा किया जाता है।

क्या होता है मधुमक्खी का जहर या बी वेनम

आम आदमी को पता नहीं होगा कि मधुमक्खी के काटने से जो कांटा चुभता है, वह भी हमारे शरीर में औषधीय का काम करता है, क्योंकि मधुमक्खी का जहर बहुत काम का होता है। जिसको मधुमक्खी पालन में बी वेनम के नाम से जाना जाता है। अपनी साधारण भाषा में इसको मधुमक्खी का जहर कहा जाता है। जब मधुमक्खी किसी को काटती है, तो अपना कांटा इंसान के शरीर पर छोड़ देती है और उसे कांटे के साथ ही वह उसमें 2 माइक्रोग्राम जहर भी छोड़ती है। मधुमक्खी एक्सपर्ट साइंटिस्टों का कहना है कि वह हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है।

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