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Haryana News : एक गेस्ट टीचर के सहारे चल रहा गांव कालांवाली का कन्या प्राइमरी स्कूल

स्कूल की 96 छात्राओं को अकेली पढ़ा रही टीचर वीरा कौर
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कालांवाली में राजकीय कन्या प्राइमरी स्कूल में बच्चों को पढ़ाती गेस्ट टीचर। -निस
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रोहित जैन/निस

कालांवाली, 22 जनवरी

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भले ही वर्तमान सरकार प्रदेश के राजकीय स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देकर बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन धरातल पर सच्चाई यह है कि खुद सरकार की अनदेखी के चलते स्कूली शिक्षा का ढांचा चरमराता दिख रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गांव कालांवाली के राजकीय कन्या प्राइमरी स्कूल सिर्फ एक गेस्ट टीचर वीरा कौर के सहारे चल रहा है।

हालांकि प्रदेश सरकार के निर्देश हैं कि किसी भी स्कूल में सिर्फ एक टीचर को नहीं लगाया जा सकता। स्कूल में बच्चों की संख्या लगातार कम हो रही है और स्कूल में 125 छात्राओं पर होने वाली हैड टीचर की पोस्ट भी समाप्त हो गई है। स्थायी शिक्षकों की कमी के चलते अभिभावक बच्चों को स्कूल से हटवाकर निजी स्कूलों में लगाने को मजबूर है। हताश अभिभावकों व ग्राम पंचायत का कहना है कि वह अपने बच्चों के भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं।

स्कूल में स्वीकृत 4 पद खाली

राजकीय स्कूल में सत्र 2024-25 में कुल 96 छात्राएं पढ़ाई कर रही हैं, जिन्हें शिक्षकों की कमी के चलते पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित होने से छात्राएं काफी परेशान है। विभाग द्वारा स्कूल में जेबीटी के 4 पद स्वीकृत है। स्कूल में तैनात एक शिक्षक दिसंबर माह में प्रमोट होने के कारण चले गए हैं, जबकि दो टीचर डेपुटेशन पर चले गए हैं। इसमें एक टीचर सुनीता रानी आगामी 31 मार्च तक बड़ागुढ़ा में और एक टीचर रितू रानी आगामी आदेश तक रोड़ी में डेपुटेशन पर चली गई है। ऐसे में सिर्फ एक गेस्ट टीचर वीरा कौर ही स्कूल को संभाल रही है।

छुट्टी ली तो स्कूल बंद करने की नौबत

गेस्ट टीचर को भी यदि किसी दिन आवश्यक कार्य अथवा बीमारी के कारण छुट्टी लेनी पड़ती है तो ऐसे में उस दिन स्कूल को बंद करने की नौबत आ सकती है। अकेली गेस्ट टीचर को सारा दायित्व होने से स्कूल के रिकार्ड को पूरा करना, बैठकों में जाना, मिड डे मिल के लिए राशन लाना आदि में भी जाना पड़ता है।

मिड डे मिल व्यवस्था भी गड़बड़ाई

स्कूल में मिड डे मिल की व्यवस्था भी गड़बड़ाई हुई है। बच्चों को पढ़ाने, स्कूल को संभालने, स्कूल के रिकार्ड को पूरा करने, बैठकों में जाने आदि कार्य के साथ-साथ मिड डे मिल के लिए राशन लाने का काम भी अकेली गेस्ट टीचर कर रही है। अकेली को मिड डे मिल के लिए रोजाना ऐसा कराना संभव नहीं है। ऐसी स्थिति में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि गेस्ट टीचर बच्चों को पढ़ाए या मिड डे मिल का राशन लेने के लिए बाजार जाए।

‘मामला संज्ञान में नहीं, अभी एक्शन लेते हैं’

डीईओ सिरसा बूटा राम ने कहा कि उक्त मामला उनके संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसी कोई बात है तो वे अभी बीईओ को निर्देश देकर समस्या का समाधान करवा देते हैं।

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