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Haryana News : पश्चिमी यमुना नहर में डूबे आठ लोग, गोताखोरों व स्थानीय लोगों ने बचाई जान

यमुनानगर, 5 जून (हप्र) यमुनानगर में गंगा दशहरा के पर्व पर एक बड़ा हादसा टल गया। पश्चिमी यमुना नहर में आस्था की डुबकी लगाने गए परिवार के दो लोग डूब गए। जैसे ही परिवार के अन्य लोगों ने उन्हें डूबता...
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यमुनानगर में पश्चिमी यमुना नहर में डूबते लोगों को बचाते गोताखोर। -हप्र
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यमुनानगर, 5 जून (हप्र)

यमुनानगर में गंगा दशहरा के पर्व पर एक बड़ा हादसा टल गया। पश्चिमी यमुना नहर में आस्था की डुबकी लगाने गए परिवार के दो लोग डूब गए। जैसे ही परिवार के अन्य लोगों ने उन्हें डूबता देखा तो वह उन्हें बचाने के लिए नहर में कूद गए। देखते ही देखते आठ लोग गहरे पानी में समा गए। गोताखोरों की मदद से उन्हें तुरंत गहरे पानी से बाहर निकाला गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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दशहरा के पावन अवसर पर यमुनानगर के प्रसिद्ध बाड़ी माजरा घाट पर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से आए एक ही परिवार के आठ सदस्य स्नान के दौरान पश्चिमी यमुना नहर के तेज बहाव और गहरे पानी में डूब गए। जैसे ही परिवार के सदस्य घाट पर स्नान कर रहे थे, अचानक संतुलन बिगड़ने से एक के बाद एक सभी गहरे पानी में चले गए और मदद के लिए चीखने लगे। इस पर वहां मौजूद स्थानीय गोताखोर, मंदिर के पुजारी और कुछ राहगीर तुरंत सक्रिय हो गए। बिना एक पल गंवाए गोताखोरों और पुजारी ने पानी में छलांग लगाई और राहत अभियान शुरू किया।

लगभग 15-20 मिनट की मशक्कत के बाद सभी 8 लोगों को नहर से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इस दौरान स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन के पहुंचने से पहले ही एंबुलेंस और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था कर दी। सभी घायलों को आनन-फानन में यमुनानगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि कुछ लोगों की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है, जबकि बाकी सदस्य खतरे से बाहर हैं। परिवार के सदस्यों का कहना है कि वे गंगा दशहरा के अवसर पर यमुना स्नान और मंदिर में पूजा करने आए थे।

घायल महिला नीलम कश्यप ने कहा कि बचाव दल ने तत्परता न दिखाई होती तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता था। सहारनपुर निवासी अक्षित कश्यप (17) ने बताया कि आज गंगा दशहरा पर्व पर हमारा परिवार जिसमें उसकी मां 35 वर्षीय नेहा, 45 वर्षीय बबली, 40 वर्षीय कविता व चार बच्चे यहां यमुना नहर के बाड़ी माजरा पुल पर गंगा स्नान करने पहुंचे हुए थे। दोपहर लगभग दो बजे वह नहर में स्नान कर रहे थे। इसी दौरान नहाते हुए उसकी मां नेहा का पैर फिसल गया और वह डूबने लगी तो कविता, बबली उसे बचाने लगी लेकिन वह दोनों भी डूबने लगी।

उन्हें डूबता देख अक्षित उन्हें बचाने के लिए आगे गया। वह भी डूब गया। इतने में वहां मंदिर के पुजारी माधवानंद ने भी उन्हें बचाने के लिए नहर में छलांग लगा दी, लेकिन किसी को भी तैरना नहीं आता था।

गोताखोर राजीव व सुखदेव ने बताया कि नेहा व अक्षित नहर में डूब चुके थे। उन्हें काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया। गंभीर हालत में नेहा को एक्टिवा पर ही अस्पताल में लेकर पहुंचे।

स्थानीय प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंच गई और घटनास्थल का मुआयना किया। इस दौरान अधिकारियों ने लोगों से अपील की कि वे गहरे पानी वाले स्थानों पर स्नान करते समय विशेष सावधानी बरतें।

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