कचरे के निपटान पर गुरुग्राम नगर निगम की सख्ती, नियम तोड़ने पर होगी कार्रवाई
गुरुग्राम, 20 मई (हप्र) : गुरुग्राम नगर निगम कार्यालय में मंगलवार को कचरे के अंतिम निपटान को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त महाबीर प्रसाद ने की। इस बैठक में शहर के बल्क वेस्ट जनरेटरों और कचरा प्रबंधन समूहों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में अतिरिक्त निगमायुक्त ने स्पष्ट किया कि कचरे का अंतिम निपटान केवल नगर निगम द्वारा अधिकृत स्थानों पर ही किया जाना चाहिए।
उन्होंने निर्देश दिए कि कचरे को सूखे, गीले व हानिकारक श्रेणी में अलग-अलग करना कचरा प्रबंधन की पहली और अनिवार्य शर्त है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि निर्देशों का उल्लंघन होता है, तो संबंधित समूहों और बल्क वेस्ट जनरेटरों का चालान किया जाएगा और उनके नाम समाचार पत्रों में प्रकाशित किए जाएंगे। निगम का उद्देश्य गुरुग्राम को स्वच्छ और हरित बनाना है।
स्वच्छ शहर के लिए संकल्प और सख्ती दोनों जरूरी : गुरुग्राम नगर निगम
अतिरिक्त निगमायुक्त ने कहा कि नगर निगम द्वारा कचरे के निपटान पर उठाया जा रहा यह सख्त कदम समय की मांग है। एक तेजी से बढ़ते महानगर के लिए ठोस कचरा प्रबंधन केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि नागरिकों की भागीदारी से ही संभव है। जब तक हम कचरे को घरों, दफ्तरों और प्रतिष्ठानों में अलग-अलग कर सही तरीके से निपटान की दिशा में कदम नहीं उठाएंगे, तब तक स्वच्छता सिर्फ एक नारा बनी रहेगी।
नियमों की अवहेलना करने पर होगी कार्रवाई
नगर निगम की ओर से नियमों की अवहेलना करने वालों पर चालान और सार्वजनिक नाम प्रकाशन का निर्णय सख्त जरूर है, लेकिन आवश्यक भी है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि गुरुग्राम के नागरिक, विशेष रूप से बल्क वेस्ट जनरेटर, स्वेच्छा से नियमों का पालन करें और स्वच्छता मिशन को सफल बनाने में भागीदार बनें। यही नहीं, कचरा प्रबंधन में नवाचार, सामुदायिक भागीदारी और नियमित निगरानी भी जरूरी है। गुरुग्राम को वास्तव में स्वच्छ और हरा-भरा बनाने के लिए नियमों के साथ-साथ नागरिक चेतना की भी जरूरत है- तभी यह अभियान एक जनांदोलन बन सकेगा।