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विकसित भारत के लिए गांवों का‌ विकसित होना जरूरी : मुख्यमंत्री

पचंकूला में राज्य स्तरीय ग्राम उत्थान समारोह आयोजित, पहलगाम हमले के मृतकों को दी श्रद्धांजलि
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पंचकूला में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय ग्राम उत्थान समारोह में लोगों का अभिनंदन करते मुख्यमंत्री नायब सैनी व अन्य। -हप्र
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एस अग्निहोत्री/हप्र

पंचकूला, 24 अप्रैल

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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि गांव हमारी संस्कृति, परंपरा और आत्मनिर्भर भारत का आधार है। विकसित भारत की यात्रा में गांवों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है, जब हमारा गांव विकसित होगा, तो प्रदेश विकसित होगा और निश्चित तौर पर हम वर्ष 2047 से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपने को पूरा कर लेंगे।मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को पंचकूला में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय ग्राम उत्थान समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह की शुरुआत में मुख्यमंत्री सहित उपस्थितजनों ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों को 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार के मधुबनी से संबोधन को लाइव ब्रॉडकास्टिंग के माध्यम से उप‌स्थित पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सुनाया गया।सैनी ने कहा कि पंचायती राज संस्था‍एं लोकतंत्र की वो कड़ी है, जो विकास को एक नई गति देने का काम करती हैं। इस समारोह में उपस्थित पंचायत प्रतिनिधियों में 50 प्रतिशत भागीदारी महिलाओं की है जो महिला सशक्तिकरण का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि यह समारोह केवल एक आयोजन नहीं बल्कि गांव के सर्वांगीण विकास का एक संकल्प है।मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों को इस संकल्प के साथ काम करना चाहिए कि मेरा गांव, मेरी पंचायत पूरे जिले व हरियाणा में पहले नंबर पर आए। मेरे गांव का एक भी बच्चा स्कूल से ड्रॉपआउट न हो। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण सहित सामाजिक-आर्थिक मानकों पर गांवों को आगे बढ़ाने का संकल्प लेकर काम करें।

पंचायतों को ‘गैप फंड’ के रूप में अतिरिक्त राशि दी

मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि सभी प्रतिनिधि अपने-अपने गांव को नशा मुक्त करने का प्रण लें। सैनी ने कहा कि कुछ सरपंचों ने बताया है कि उनके पास पर्याप्त धनराशि नहीं है, इसलिए उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन ग्राम पंचायतों के खाते में कुल अनुदान 20 लाख रुपये से कम है, उन्हें ‘गैप फंड’ के रूप में अतिरिक्त राशि दी जाए, ताकि प्रत्येक पंचायत के पास कम-से-कम 21 लाख रुपये उपलब्ध हों। इस एवज में गत वर्ष पंचायतों के खातों में सीधे 583 करोड़ रुपये हस्तांतरित किये गये।

‘प्रदेश की पंचायतें हुईं सक्षम’

विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि पंचायतों के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिसके फलस्वरूप आज प्रदेश में पंचायतें सक्षम हुई हैं। विकास एवं पंचायत विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल ने मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया।

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