राष्ट्रीय सुरक्षा पर बेबी सुधा रानी की जयंती पर एक्सपर्ट ने रखे विचार
हिसार, 11 अप्रैल (हप्र) : बेबी सुधा रानी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा बेबी सुधा रानी की 55वी जयंती पर शुक्रवार को एक वेबीनार का आयोजन किया गया जिसमें देश विदेश से रक्षा विशेषज्ञ तथा डिफेंस के प्रोफेसर्स तथा वित्तीय विशेषज्ञों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
बेबी सुधा रानी मेमोरियल ट्रस्ट के प्रधान ने दी श्रद्धांजलि
कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व मंत्री एवं बेबी सुधा रानी मेमोरियल ट्रस्ट के प्रधान प्रो छत्रपाल सिंह ने बेबी को श्रद्धासुमन अर्पित कर की। वेबिनर में मुख्य रूप से कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी और गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर जनरल देवेंद्र सिंह संधू, पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्व रजिस्ट्रार डॉक्टर केएस संधू, जयपुर से प्रोफेसर कारोरी सिंह, ऑस्ट्रेलिया से अर्थशास्त्र एक्सपर्ट राकेश दलाल, कैलिफोर्निया से एनआरआई एसोसिएशन के चेयरमैन संदीप देसवाल, लॉस एंजिल्स से पुलिस एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य गौर मेहता, एमडीयू से प्रोफेसर राजेंद्र सिवाच, प्रोफेसर संतराम वत्स, गवर्नमेंट कॉलेज हिसार के छात्र यूनियन के पूर्व प्रधान कुलबीर सिंह सहित जोधपुर से से डॉक्टर अशोक ने राष्ट्रीय सुरक्षा विषय पर अपने अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए।
2 घंटे चले इस वेबिनार में विभिन्न वक्तव्यों में भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, नागरिकों और संस्थाओं की सुरक्षा, संप्रभुता और कल्याण सुनिश्चित हो सके। इस पर विस्तार से चर्चा हुए। सैन्य सुरक्षा, आंतरिक आर्थिक सुरक्षा, आर्थिक वृद्धि और ऊर्जा सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, पर्यावरणीय सुरक्षा इत्यादि विषयों को भी शामिल किया गया। विशेषज्ञों ने प्रमुख खतरों जैसे आतंकवाद, सीमा विवाद, चीन (एलएसी) और पाकिस्तान (एलओसी) के साथ तनाव, साइबर खतरे, आंतरिक उग्रवाद, नक्सलवाद, समुद्री सुरक्षा आदि मुद्दों पर गौर करने की बात कही।
मिसाइल पर की गई चर्चा
वेबीनार में न केवल समस्याओं पर चर्चा हुए अपितु समाधान पर भी बात गई। जिसमें अग्नि और ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली, सर्जिकल स्ट्राइक (2016) और बालाकोट एयरस्ट्राइक (2019), रक्षा उत्पादन में मेक इन इंडिया, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति, राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड और एनआईए को सशक्त बनाने को लेकर भी चर्चा की गई।
वेबिनार के अंत में प्रोफेसर छत्रपाल सिंह ने निष्कर्ष स्वरूप कहा कि भारत की विदेश नीति परंपरागत मूल्यों और व्यावहारिक रणनीतियों का समन्वय है। यह रणनीतिक स्वायत्तता और वैश्विक साझेदारी का संतुलन बनाते हुए, क्षेत्रीय नेतृत्व और वैश्विक दृष्टिकोण के साथ एक बहुध्रुवीय विश्व में स्थिरता का वाहक बनने का लक्ष्य रखती है।