जगाधरी, 6 जून (हप्र)
दी बूड़िया बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समिति के प्रबंधक कमेटी के 11 फरवरी, 2024 को हुए चुनाव को रद्द कर दिया गया है। यह फैसला उप-रजिस्ट्रार सहकारी समितियां करनाल ने हरियाणा सहकारी अधिनियम 1984 की धारा 103 के तहत सुनाया है। शिकायतकर्ता संजय शर्मा की याचिका पर की गई जांच में चुनाव प्रक्रिया में कई गंभीर गड़बडिय़ों की पुष्टि हुई। वहीं निदेशक इंसाफ के लिए हाईकोर्ट की शरण लेने की बात कह रहे हैं।
बूड़िया निवासी व चुनाव में निदेशक पद के लिए उम्मीदवार रहे संजय शर्मा ने आरोप लगाया था कि चुनाव में हेराफेरी हुई है। उनका आरोप था कि पुरानी मतदाता सूची का इस्तेमाल किया गया, जिसमें कई मृत व्यक्तियों के नाम भी शामिल थे। संजय का कहना था कि समिति की एनओसी बुक चुनाव से एक दिन पहले गायब हो गई, जिसका फर्जीवाड़े में इस्तेमाल हुआ। नियमों के अनुसार बकायादार सदस्यों को वोट देने की अनुमति नहीं होती, लेकिन बिना वैध एनओसी के कई बकायेदारों को मतदान की इजाजत दी गई।
वहीं प्रबंधक प्रमोद कुमार ने जांच के दौरान स्वीकार किया कि उन्होंने बिना रिकॉर्ड जांचे एनओसी पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने यह भी माना कि बैलेट पेपर दो से तीन बार छपवाए गए। लगभग 150 अतिरिक्त बैलेट तैयार किए गए थे। यह कार्य तत्कालीन समिति प्रबंधक सुभाष कुमार द्वारा कराया गया था। प्रवीन कुमार, प्रविंद्र कुमार और मनोज कुमार नामक कर्मचारियों पर भी चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगा था।
संजय ने विरोधी प्रत्याशी विनोद कुमार के समर्थकों पर मतदाताओं को शराब और नकदी देकर वोट डलवाने का आरोप भी लगाया था। मतदाता पहचान की जांच नहीं की गई। फर्जी वोट डाले गए। यह सब यमुनानगर केंद्रीय सहकारी बैंक को 5 अगस्त 2024 को दी गई शिकायत में विस्तार से बताया गया था। न्यायालय में पेश किए गए दस्तावेज सुनवाई के दौरान मतपेटी, बैलेट पेपर और एनओसी दस्तावेज न्यायालय में पेश किए गए। जिसमें आरोप सही पाए गए।
उप-रजिस्ट्रार ने चुनाव को पूरी तरह गैर-पारदर्शी बताते हुए रद्द कर दिया। चुनाव प्रबंधक प्रमोद कुमार व लिपिक प्रविंद्र कुमार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए। यमुनानगर केंद्रीय सहकारी बैंक के महाप्रबंधक को कार्रवाई करने को कहा गया है। इसके साथ ही सहायक रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां यमुनानगर को समिति में नए चुनाव कराने की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। संबंधित पक्षों को इसकी सूचना भेज दी गई है।
वहीं, निदेशक अनिता नाभ, लाभ सिंह, विनोद कुमार, देवीचंद आदि का कहना है कि वे इंसाफ के लिए हाईकोर्ट की शरण में जाएंगे। डिप्टी रजिस्ट्रार की कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। इनका कहना है कि चुनाव में कोई धांधली नहीं हुई है।