सोनीपत नगर निगम की बैठक में फूटा पार्षदों का गुस्सा, अधिकारियों पर गड़बड़ी का आरोप लगाया
सोनीपत, 6 मई (हप्र) : नगर निगम हाउस की बैठक में अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर पार्षदों का गुस्सा फूट पड़ा। पार्षदों ने आरोप लगाए कि अधिकारियों ने अपनी मनमानी व लापरवाही के चलते शहर का बेड़ा गर्क कर दिया। पार्षदों का आरोप था कि विकास कार्यों को पूरा किए बिना ठेकेदारों की पेमेंट कर दी जाती है। ऐसे में ठेकेदार बाकी बचे काम में लीपापोती कर खिसक लेते हैं। आधे-अधूरे काम का खामियाजा शहरवासियों को झेलना पड़ रहा है। बैठक की अध्यक्षता कर रहे मेयर राजीव जैन ने कहा कि एक-एक अधिकारी की जांच होगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई करेंगे।
पार्षदों का गुस्सा
मंगलवार को अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय स्थित डीआरडीए भवन में आयोजित नगर निगम की हाउस बैठक में 220 एजेंडे रखे गए, जिनमें करीब 175 एजेंडे पारित किए गए। पार्षदों ने पहले से ही अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रखी थी। जैसे ही एजेंडों पर चर्चा शुरू हुई, पार्षद सक्रिय हो गए। अधिकारियों द्वारा पहले से टेंडर प्रक्रिया में चल रहे एजेंडों को दोबारा प्रस्तुत करने पर पार्षदों ने आपत्ति जताई और सवाल उठाए।
डिप्टी मेयर मनजीत गहलावत ने बिजली निगम के एक अधिकारी पर करोड़ों रुपये की मिट्टी बेचने के गंभीर आरोप लगाए। इसके अलावा पार्षदों ने सीवरेज, सफाई, पेयजल, सौंदर्यीकरण, स्ट्रीट लाइट, अवैध डेयरियां और आवारा पशु जैसे मुद्दों पर पार्षदों ने अधिकारियों को जमकर घेरा और मौके पर रिपोर्ट मांगी, जिसे वे प्रस्तुत नहीं कर सके। निगम कमिश्नर हर्षित कुमार ने इस पर नाराजगी जताई और अधिकारियों को कार्य में सुधार के निर्देश दिए।
रेहड़ी पर स्टीकर होगा, तभी मिलेगी बिक्री की अनुमति
अब केवल उन्हीं स्ट्रीट वेंडर्स को सामान बेचने की अनुमति मिलेगी, जिनके पास नगर निगम द्वारा जारी अनुमति पत्र और रेहड़ी पर चस्पा स्टीकर होगा। पार्षदों ने जाम और दुर्घटनाओं का हवाला देते हुए यह प्रस्ताव रखा। साथ ही कहा गया कि दुकानदार किराया लेकर रेहड़ी लगवाते हैं, जिससे राहगीरों को आवागमन में परेशानी होती है।
चार इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों को मंजूरी
शहर में चार स्थानों पर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना को मंजूरी दी गई। साथ ही नंदीशाला में दूध देने वाली गायों की बिक्री पर रोक और आवारा गौवंश के लिए अस्थाई तारबंदी कर चारे-पानी की व्यवस्था का निर्णय लिया गया। बाजारों में सीसीटीवी कंट्रोल रूम बनेंगे, जर्जर भवनों को गिराया जाएगा, देवडू गांव में 120 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाया जाएगा। डोर-टू-डोर गोबर उठान योजना को भी मंजूरी दी गई है। मंत्री कोटे से बची 10 लाख रुपये की ग्रांट से वाटर कूलर लगाए जाएंगे।
पार्षदों का गुस्सा, कॉमन टेंडर का विरोध
पार्षदों ने कॉमन टेंडर का विरोध करते हुए कहा कि इससे कई वार्डों में काम अधूरे रहते हैं और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। सुविधाएं वार्ड-वार दी जानी चाहिए। कुछ प्रोजेक्ट एसएमडीए में भेजे गए हैं, जिन पर अगले सप्ताह बैठक में चर्चा होगी।