विनोद लाहोट/निस
समालखा, 6 जून
तीन साल पहले हुए निकाय चुनाव के दौरान नामांकन फॉर्म में क्रिमिनल रिकॉर्ड छिपाकर चेयरमैन पद पर चुनाव लड़ने के आरोपों की जांच शुरु होने से नपा चेयरमैन अशोक कुच्छल की चिंता बढ़ गई है। एसडीएम अमित कुमार ने नोटिस भेज कर नगर पालिका चेयरमैन अशोक कुच्छल, शिकायत कर्ता पीपी कपूर व पालिका सचिव को सोमवार दोपहर बाद जांच के लिए तलब किया है। यह जांच आरटीआई एक्टिविस्ट कॉमरेड पीपी कपूर द्वारा तीन वर्ष पहले दी गई शिकायत पर डीसी वीरेंद्र दहिया के आदेश पर शुरु की गई है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश मे तीन साल पहले संपन्न निकाय चुनाव मे सत्तारूढ भाजपा की टिकट पर चुनाव मे जीत दर्ज कर अशोक कुच्छल समालखा नगर पालिका के चेयरमैन निर्वाचित हुए थे। चुनाव जीतने के कुछ दिन बाद ही जाने माने आरटीआई एक्टिविस्ट एवं श्रमिक नेता पीपी कपूर ने कुच्छल के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सरकार के तमाम अधिकारियों को सबूतों सहित शिकायत देकर अशोक कुच्छल का नामांकन फॉर्म रद्द करने व इसे कुर्सी से हटाने की मांग की थी। तीन साल तक कुच्छल की चेयरमैनी चलती रही। बताने योग्य है कि पिछले तीन साल मे चेयरमैन व पालिका अधिकारियों की आपसी खींचतान मे शहर में विकास कार्य नहीं हो पाए। अब तीन साल बाद मामले की जांच शुरू की है। आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने आरोप लगाया कि भाजपा, सरकार के संरक्षण के कारण अशोक कुच्छल की कुर्सी बची रही लेकिन कुर्सी ज्यादा दिन बच नहीं पायेगी। कपूर ने बताया कि उन्होंने तीन वर्ष पहले आरोप लगाया था कि अशोक कुच्छल ने नामांकन फॉर्म में अपना क्रिमिनल रिकॉर्ड छिपाकर चुनाव लड़ा है। आरोप है कि कुच्छल ने क्रिमिनल रिकॉर्ड नामांकन फॉर्म में छिपा कर चुनाव जीता। कानून के अनुसार इतने संगीन जुर्म का आरोपी उम्मीदवार चुनाव लड़ने के अयोग्य है। इसीलिए उन्होंने कुच्छल का नामांकन फर्म व चुनाव रद्द करने की शिकायत की थी। उधर पालिका चेयरमैन अशोक कुच्छल ने पीपी कपूर को शिकायत करने का आदि बताया। उन्होंने आरोपो को निराधार बताते हुए कहा कि वह हर जांच के लिए तैयार है। 9 जून की जांच के लिए उन्हे अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला है।