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blackout in Sonipat : बड़ी औद्योगिक क्षेत्र में दूसरे दिन भी ब्लैक आउट की स्थिति बनी रही

550 से अधिक फैक्टरियों में शुरू नहीं हो सकी बिजली सप्लाई। पावर हाउस में ट्रांसफार्मर, पैनल और केबल के फुंक जाने से विकट हुए हालात
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सोनीपत, 24 दिसंबर (हप्र) औद्योगिक क्षेत्र, बड़ी में 220 केवी पावर हाउस में आग लगने के कारण 550 से अधिक फैक्टरियों में दूसरे दिन भी बिजली सप्लाई शुरू नहीं हो पाई। आग के चलते पावर हाउस में मौजूद ट्रांसफार्मर, पैनल और केबल पूरी तरह से फुंक गए, जिससे औद्योगिक क्षेत्र में ब्लैक आउट (blackout in Sonipat) की स्थिति बनी हुई है।

बिजली निगम के अधिकारियों के अनुसार बुधवार शाम तक एक ट्रांसफार्मर के माध्यम से बिजली आपूर्ति बहाल होने की संभावना है। हालांकि, यह केवल अस्थायी समाधान होगा और पूरे पावर हाउस को ठीक करने में एक सप्ताह लग सकता है। वहीं निगम आग लगने के कारणों की जांच भी कर रहा है। औद्योगिक क्षेत्र के उद्योगपतियों ने मांग की है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए पावर हाउस की सुरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाना चाहिए।

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उद्योगपतियों को भारी आर्थिक नुकसान

उद्योगपति विशाल व जगदीप चड्ढा का कहना है कि बड़ी औद्योगिक क्षेत्र में ब्लैक आउट (blackout in Sonipat) की स्थिति बन गई है, जिससे उद्योगपति खासे परेशान हैं। उत्पादन प्रभावित होने के कारण भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। स्थिति को संभालने के लिए डीजी सेट के माध्यम से फैक्ट्रियों को चलाना शुरू कर दिया है। हालांकि, डीजी सेट से बिजली उत्पादन काफी महंगा पड़ रहा है, जिससे छोटे और मझोले उद्योगों पर ज्यादा असर हो रहा है।

उद्योगपति हरीश कहराना का कहना है कि उत्पादन ठप होने के कारण बाजार में आर्डर पूरे करना मुश्किल हो रहा है। डीजी सेट महंगा पड़ रहा है। जिस वजह तैयार माल की लागत बढ़ गई है, लेकिन पार्टियों को निर्धारित रेट पर ही आर्डर देने पड़ रहे हैं, जिससे फैक्टरी संचालकों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। प्रशासन को जल्द से जल्द समाधान निकालना चाहिए है ताकि उद्योग और अधिक प्रभावित न हो।

उत्पादन प्रभावित, मुनाफे पर असर

उद्योगपति सागर शर्मा बताते हैं कि लघु उद्यमी किराये पर डीजी सेट लेकर किसी तरह अपने काम को जारी रख रहे हैं। बिजली आपूर्ति बहाल होने में हो रही देरी से उत्पादन प्रभावित हो रहा है और उनके मुनाफे पर असर पड़ रहा है। डीजी सेट का प्रतिदिन लोड के हिसाब से 500 से लेकर 3000 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से किराया देना पड़ रहा है। इसके अलावा उसमें प्रयोग होने वाला ईंधन अलग से खर्च हो रहा है। इसकी लागत उनकी उत्पादन लागत पर भारी पड़ रही है।

वर्जन

टी-1 ट्रांसफार्मर से सप्लाई बुधवार शाम तक शुरू हो जाएगी। निगम के कर्मचारी पैनल को ठीक करने में जुटे हैं। हालांकि पूरी तरह से फुंक चुके टी-2 ट्रांसफार्मर के लगने तक शिफ्ट के अनुसार बिजली दी जाएगी। टी-2 ट्रांसफार्मर एचवीपीएनल द्वारा लगाया जाएगा जिसमें करीब एक सप्ताह लग सकता है।

-सचिन दहिया, एसडीओ, बिजली निगम

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