सरस्वती नदी के दोनों ओर बनेगी 63 किलोमीटर लंबी पगडंडी
पंकज अरोड़ा/निस
पिपली (कुरुक्षेत्र), 31 मई
भगवान श्रीकृष्ण्ा के बड़े भाई बलराम की महाभारतकालीन सरस्वती यात्रा के पहले चरण के कार्य हरियाणा सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन धुम्मन सिंह किरमच ने शुभारंभ किया। जब महाभारत का युद्ध हुआ तब बलराम ने युद्ध में हिस्सा न लेकर सरस्वती की द्वारका से लेकर आदिबद्री तक की यात्रा की थी। जिसका वर्णन महाभारत के वनप्रव, शल्य प्रव व वामन पुराण व कई इन ग्रंथों में आता है। उन्होंने इस यात्रा के दौरान सभी तीर्थों के दर्शन किए थे। उन्होंने कहा कि सरस्वती बोर्ड अब इस यात्रा को प्रारंभ करने के लिए रास्ता बना रहा है। उन्होंने बताया कि सरस्वती को मज़बूत करने के लिए दोनों तरफ़ मज़बूत रास्ता व पगडंडी बनाने के लिए इस कार्य का शुभारंभ किया गया। धुम्मन सिंह किरमच ने कहा कि सरस्वती नदी के दोनों तरफ़ के बांध मज़बूत करने से इस क्षेत्र में फ्लड से भी छुटकारा मिलेगा तथा डार्क ज़ोन भी दूर होगा। यह कार्य यमुनानगर के ऊंचा चांदना से लेकर पिपली तक किया जा रहा है। धुम्मन सिंह किरमच ने बताया कि यह कार्य 63 किलोमीटर क्षेत्र को कवर करेगा। बरसात के दिनों में पानी का भराव हो जाता था, इस परियोजना से आमजन को बहुत फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरस्वती बोर्ड में जितने भी रिजरवायर नदी के किनारे बनाए हुए हैं उसमें पानी डालने का भी काम ज़्यादा होगा और और रादौर वह लाडवा क्षेत्र का डार्क ज़ोन भी दूर होगा। इस योजना से किसानों को फ़्लड से राहत मिलेगी, खेती के लिए ज़्यादा पानी मिलेगा और पवित्र यात्राओं का मार्ग बनेगा |