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थर्मल यूनिट के लिए काटे जाएंगे 8500 पेड़

सुरेंद्र मेहता/हप्र यमुनानगर, 21 अप्रैल यमुनानगर में जिस स्थान पर 800 मेगावाट के यूनिट की स्थापना होनी है वहां इस समय हजारों पेड़ लगे हुए हैं। यूनिट के निर्माण के लिए 8,500 पेड़ काटे जाने प्रस्तावित है, जिसके लिए वन...
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सुरेंद्र मेहता/हप्र

यमुनानगर, 21 अप्रैल

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यमुनानगर में जिस स्थान पर 800 मेगावाट के यूनिट की स्थापना होनी है वहां इस समय हजारों पेड़ लगे हुए हैं। यूनिट के निर्माण के लिए 8,500 पेड़ काटे जाने प्रस्तावित है, जिसके लिए वन विभाग से अनुमति के लिए बिजली निगम ने कार्रवाई शुरू कर दी है। 8500 पेड़ काटे जाने की खबर किसी भी पर्यावरण प्रेमी के लिए पीड़ादायक हो

सकती है।

इस बारे में ग्रीनमैन प्रोफेसर एसएल सैनी का कहना है कि रविवार को जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। हिमाचल, उत्तराखंड में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से इस तरह के हादसे आम हो चुके हैं।

सब कुछ जानने बूझने वाले भी बिना सोचे समझे न जाने क्यों इस तरह हजारों पेड़ काटने का निर्णय ले लेते हैं। पर्यावरण मित्र एवं शिक्षाविद गोबिंद सिंह भाटिया का कहना है कि माना की निर्मित बिजली संयंत्र से बिजली उत्पादन होगा किंतु इस बिजली उत्पादन के बदले में हजारों पेड़ों की बली पर्यावरण की नाजुक स्थिति देखते हुए व्यवहारिक नहीं है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि साल के 12 महीने 365 दिन पौधारोपण जैसे कार्यक्रम संपन्न किए जाते हैं। किंतु एक साथ 8500 पेड़ काटने संबंधित निर्णय पौधारोपण संबंधी कार्यक्रमों को हतोत्साहित करने के लिए काफी है। कितने पशु पक्षियों का आश्रय खत्म होगा। इन पेड़ों से हजारों लोगों को मिलने वाली ऑक्सीजन की तो कीमत ही नहीं।

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