घरौंडा पब्लिक हेल्थ के 65 कच्चे कर्मियों को 8 माह से वेतन नहीं, धरना देकर जताया विराेध
घरौंडा पब्लिक हेल्थ के प्रांगण में वीरवार को कच्चे कर्मचारियों ने वेतन की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर यूनियन रजि. न. 41 के बैनर तले किया गया। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उन्हें बीते 8 महीनों से वेतन नहीं मिला है, जबकि एसडीआे नकली कुटेशनों की पेमेंट कर रहा है। इस मामले में यूनियन ने एसडीओ पर ठेकेदारों के साथ मिलीभगत के आरोप लगाए।
ब्लॉक ब्रांच प्रधान संदीप शर्मा, अनिल उपली, अंकित राणा, पूर्व प्रधान नरेश सैन व अन्य कर्मचारियों का कहना है कि करीब 65 कच्चे कर्मचारी बीते 8 महीने से ठेकेदारों के माध्यम से कार्य कर रहे हैं। आज तक उन्हें एक भी महीने की तनख्वाह नहीं मिली। कर्मचारियों का कहना है कि 7 महीनों से एसडीओ को सैलरी दिलवाने के लिए बार-बार निवेदन किया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कर्मचारियों का आरोप है कि एसडीओ नकली कुटेशनों की पेमेंट तो तत्काल करवा देता है, जबकि सच्चे कर्मचारियों की मेहनत की कमाई रोकी जा रही है। बुधवार को भी कर्मचारियों की एसडीओ से करीब एक घंटे तक बातचीत हुई, लेकिन समाधान नहीं निकल पाया। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने बताया कि जब उन्होंने एसडीओ से कहा कि कम से कम दो या तीन महीने की सैलरी दिलवा दीजिए तो एसडीओ ने जवाब दिया कि “मेरे पास तो बस 50 हजार रुपए हैं, अगर एक-दो हजार रुपये लेने हो तो बता दो, नहीं तो मैं कुछ नहीं कर सकता।” इस तरह की बात सुनकर कर्मचारी और भी ज्यादा आक्रोशित हो गए। यूनियन नेताओं ने कहा कि बरसात का मौसम होने के बावजूद ये कर्मचारी लगातार ड्यूटी कर रहे हैं, लेकिन वेतन न मिलने से हालात बेहद खराब हो चुके हैं। घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। अब तो दुकानदारों ने उधार देना भी बंद कर दिया है।
समय पर बिल नहीं भेजे गए, इसलिए आई दिक्कत
यूनियन पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि अगर एसडीओ समय पर अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए बिल बनाकर एक्सईएन को भेज देता तो पेमेंट मिल जाती। एसडीओ ने कभी यह बहाना लगाया कि उसकी एक्सईएन से नहीं बनती, कभी ठेकेदारों को पेमेंट नहीं मिल रही है। ऐसे बहानों से कर्मचारियों को केवल गुमराह किया गया। धरना दे रहे कर्मचारियों ने सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द उनकी बकाया सैलरी दिलवाई जाए और इन सभी कर्मचारियों को हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) में शामिल किया जाए, ताकि भविष्य में उन्हें इस तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
एसडीओ ने दी सफाई
वहीं इस पूरे मामले में एसडीओ रविंद्र सैनी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जनवरी 2025 तक की सैलरी कर्मचारियों को मिल चुकी है। इसके बाद की पेमेंट की फाइलें मंडल कार्यालय में एक्सईएन को भेज दी गई हैं। पेमेंट लाना और वितरित करना अब एक्सईएन साहब की डीडीओ पावर के अंतर्गत आता है। मेरी एक्सईएन साहब से बातचीत भी हुई है, उन्होंने कहा है कि वह हेड ऑफिस से बात करेंगे। वहीं उन्होंने आरोपों को निराधार बताया।