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डाहर सहकारी शुगर मिल में लगाये जा रहे 14 रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

बारिश के पानी का होगा सदुपयोग, भूजल स्तर को बढ़ायेगा
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पानीपत शुगर मिल में लगाये जा रहे वाटर हार्वेस्टिंग को दिखाते डिप्टी चीफ इंजीनियर रवि मान। -हप्र
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बिजेंद्र सिंह/हप्र

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पानीपत, 19 अप्रैल

पानीपत का 50 हजार क्विंटल पेराई क्षमता का नया शुगर मिल गांव डाहर में 350 करोड़ रुपये की लागत से 71 एकड़ जमीन पर लगाया गया है और यह मिल 17 मार्च, 2022 को चालू हो गया था।

बारिश के मौसम के दौरान मिल परिसर में बारिश का पानी व्यर्थ न जाये और उसका सदुपयोग जमीन के वाटर लेवल को रिचार्ज करने के काम आये, इसको लेकर नये शुगर मिल में 14 रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाये जा रहे हैं। वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिये कई स्थानों पर गड्ढे खोदकर प्लास्टिक के बड़े पाइपों से बोर कर दिया गया है। शुगर मिल में वर्कशॉप, प्लांट, रेस्ट हाउस, जनरल ऑफिस व बॉयलर हाउस के पास और केन यार्ड आदि स्थानों पर वाटर हार्वेस्टिंग लगाये जाने हैं। वाटर हार्वेस्टिंग लगाने के लिये उन स्थानों का चयन किया गया है, जहां पर बारिश का पानी आसानी से आ सके और वह सारा पानी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से होकर जमीन के अंदर चला जाये।

शुगर मिल के एमडी एवं इंजीनियरों का दावा है कि वाटर हार्वेस्टिंग लगाने के लिये ऐसे 14 स्थानों को चिन्हित किया गया है, ताकि इन वाटर हार्वेस्टिंग के चालू होने पर बारिश का थोडा-सा भी पानी मिल परिसर में व्यर्थ नहीं जाएगा।

वहीं, पानीपत शुगर मिल के बिल्कुल साथ में ही मिल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिये कालोनी बनाई जा रही है। शुगर मिल की कालोनी में भी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जा रहा है।

मानसून की बारिश शुरू होने तक हो जायेंगे चालू : एमडी

पानीपत शुगर मिल के एमडी मनदीप कुमार

शुगर मिल के एमडी मनदीप कुमार ने बताया कि मिल प्रांगण में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का कार्य तेजी से चल रहा है और पूरी उम्मीद है कि इस बार मानसून की बारिश शुरू होने तक सभी सिस्टम लगा दिये जाएंगे और इस बार शुगर मिल परिसर में बारिश का थोड़ा-सा भी पानी व्यर्थ नहीं जाएगा। मिल की कालोनी में भी वाटर हार्वेस्टिंग लगाया जा रहा है। एमडी ने कहा कि आज सबसे ज्यादा जरूरत पानी को बचाने की है और इसके लिये हम सभी लोगों को आगे आकर प्रयास करने होगे।

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