शिमला, 5 जनवरी (हप्र)
मशहूर वाइल्ड फ्लावर हॉल होटल हिमाचल सरकार का होगा। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ओबेरॉय होटल ग्रुप को आदेश दिए हैं कि वह वाइल्ड फ्लावर हॉल होटल छराबड़ा का कब्जा दो माह के भीतर हिमाचल सरकार को सौंप दे। कोर्ट ने इस संबंध में वित्तीय मामले निपटाने के लिए दोनों पक्षों को एक नामी चार्टेड अकाउंटेंट नियुक्त करने के आदेश भी दिए हैं। हिमाचल सरकार के आवेदन का निपटारा करते हुए अदालत ने कहा कि ओबेरॉय ग्रुप आर्बिट्रेशन अवार्ड की अनुपालना तीन माह की तय समय सीमा के भीतर करने में असफल रहा।
इसलिए प्रदेश सरकार होटल का कब्जा और प्रबंधन अपने हाथों में लेने के लिए पात्र हो गई। न्यायाधीश न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य ने सरकार के आवेदन को स्वीकारते हुए मामले की कंप्लायंस रिपोर्ट 15 मार्च को अदालत में पेश करने के आदेश भी दिए।
मामले के अनुसार वर्ष 1993 में वाइल्ड फ्लावर हॉल होटल में आग लग गई थी। इसे फिर से फाइव स्टार होटल के रूप में विकसित करने के लिए ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किए गए थे। निविदा के तहत ईस्ट इंडिया होटल्स लिमिटेड ने भी भाग लिया और राज्य सरकार ने ईस्ट इंडिया होटल्स के साथ साझेदारी में कार्य करने का फैसला लिया था। संयुक्त उपक्रम के तहत ज्वाइंट कंपनी मशोबरा रिजॉर्ट लिमिटेड के नाम से बनाई गई। करार के अनुसार कंपनी को चार साल के भीतर पांच सितारा होटल का निर्माण करना था। ऐसा न करने पर कंपनी को 2 करोड़ रुपए जुर्माना प्रतिवर्ष राज्य सरकार को अदा करना था। वर्ष 1996 में सरकार ने कंपनी के नाम जमीन को ट्रांसफर किया।