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3 माह पहले जहां थी शादी की खुशियां, अब पसरा मातम, आज आएगा मनीष ठाकुर का शव

नाहन, 3 जून (निस)उत्तरी सिक्किम में हुए भारी भूस्खलन के दौरान बलिदान देने वाले 27 वर्षीय मनीष ठाकुर की पार्थिव देह मंगलवार को पैतृक गांव नहीं पहुंच पाई। परिजन दिनभर अपने लाल की पार्थिव देह के पहुंचने का इंतजार करते...
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तीन माह पहले शादी के बंधन में बंधे मनीष और तनु। (फाइल फोटो)
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नाहन, 3 जून (निस)उत्तरी सिक्किम में हुए भारी भूस्खलन के दौरान बलिदान देने वाले 27 वर्षीय मनीष ठाकुर की पार्थिव देह मंगलवार को पैतृक गांव नहीं पहुंच पाई। परिजन दिनभर अपने लाल की पार्थिव देह के पहुंचने का इंतजार करते रहे। इस बीच सेना के अधिकारियों से सूचना मिली कि मंगलवार को लांस नायक मनीष ठाकुर की पार्थिव देह गांव नहीं पहुंच पाएगी।

मनीष ठाकुर का पार्थिव शरीर मंगलवार दोपहर ढाई बजे फ्लाइट से चंडीगढ़ के लिए रवाना हुआ। इस बीच पहला ठहराव बरेली में हुआ। इसके बाद शाम करीब 6 से 7 बजे के बीच चंडीगढ़ पहुंचने की संभावना जताई गई। पार्थिव शरीर को मंगलवार रात चंडी मंदिर स्थित कमांड अस्पताल में रखा जाएगा, जहां नियमानुसार सभी प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी। बुधवार सुबह चंडी मंदिर से उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव बड़ाबन लाया जाएगा। जहां पूरे राजकीय व सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा। उधर, सैनिक कल्याण बोर्ड के उपनिदेशक रिटायर मेजर दीपक धवन ने बताया कि शहीद का बुधवार को अंतिम संस्कार होगा।

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3 महीने पहले जिस बेटे की बरात बड़ाबन की वादियों में गूंजती हुई निकली थी, आज वहां घने जंगल भी शांत हैं। 5 मार्च 2025 को मनीष ने तनु के साथ सात फेरे लिए थे। पत्नी तनु के साथ शादी को अभी तीन महीने ही हुए थे। अभी उनके हाथों की मेहंदी भी फीकी नहीं पड़ी थी कि उसके सब सपने अब सिसकियों में बदल गए हैं।

15 जनवरी 1998 को जन्मे मनीष ठाकुर ने 2016 में भारतीय सेना की वर्दी पहनकर देश सेवा की राह चुनी थी। करीब 8 वर्ष 8 महीने सेना में रहकर उसने अपने फर्ज को पूरी निष्ठा से निभाया। पिता जोगिंद्र सिंह ने मजदूरी कर बेटे को मेहनत से तैयार किया था। मां किरण बाला के लिए मनीष की वर्दी सपनों की सबसे ऊंची उड़ान थी। उनके बलिदान ने गांव ही नहीं, पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया है। आंखें नम हैं, लेकिन हर सीना गर्व से भरा है। अपने पीछे मनीष पत्नी तनु देवी, माता किरण बाला, पिता जोगिंद्र सिंह और एक छोटा भाई धीरज को छोड़ गए हैं।

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