ज्ञाान ठाकुर/निस
शिमला, 23 फरवरी
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत आज हंगामे के साथ हुई। विपक्षी दल कांग्रेस ने सत्र के पहले ही दिन राज्यपाल के अभिभाषण के बीच ही हंगामा कर सदन से वाकआउट कर दिया। विपक्ष का आरोप था कि राज्यपाल द्वारा पढ़ा जा रहा अभिभाषण झूठ का पिटारा है और इसमें कुछ भी सच्चाई नहीं है। विपक्ष इस दौरान पहले अपनी सीटों पर खड़ा हो गया और फिर शोरगुल करने लगा तथा बाद में नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चला गया।
विपक्षी दल कांग्रेस ने सदन से तब वाकआउट किया, जब राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर अपने अभिभाषण में सरकार की उपलब्धियों का बखान कर रहे थे। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री अपनी सीट पर खड़े हो गए और अभिभाषण का यह कहते हुए विरोध करने लगे कि राज्यपाल द्वारा पढ़ा जा रहा अभिभाषण झूठ और फरेब का दस्तावेज है। इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने सदन में शोर-शराबा किया और फिर नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया। बाद में मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वे राज्यपाल का सम्मान करते हैं, लेकिन जो अभिभाषण पढ़ा गया है, वह झूठ व फरेब का दस्तावेज है।
उन्होंने कहा कि यह सरकार नाकाम सरकार है और इसे जनता रिजेक्ट कर चुकी है। उन्होंने कहा कि इस दस्तावेज के शुरुआत में ही उस केंद्र सरकार का धन्यवाद किया गया है, जिसने हिमाचल को कोई आर्थिक मदद नहीं की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कई दौरे हिमाचल के हुए, लेकिन कोई घोषणा नहीं हुई। वहीं, मुख्यमंत्री भी कई बार दिल्ली गए, लेकिन वे भी बैरंग लौटे। फिर भी केंद्र का आभार जताया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पिछले बजट में जो-जो घोषणाएं की गई थी, उसका कोई जिक्र इस दस्तावेज में नहीं है। इस दस्तावेज में बेरोजगारी को लेकर कोई बात नहीं हैं। राज्य में बेरोजगारों की संख्या 13-14 लाख पहुंच गई है और सरकार रोजगार की बात नहीं कर रही है। अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि सरकार चोर दरवाजे से भर्ती का प्रयास कर रही है और स्टाफ सेलेक्शन बोर्ड और राज्य लोकसेवा आयोग है, उसके माध्यम से कोई भर्ती नहीं की जा रही। उन्होंने कहा कि इस दस्तावेज में किसानों और बागवानों की समस्याओं का जिक्र नहीं है।
विपक्ष के आरोप राजनीति से प्रेरित : जयराम
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में सरकार द्वारा बीते चार सालों में प्रदेश में किए गए विकास कार्यों की झलक है। उन्होंने अभिभाषण को लेकर विपक्ष के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और चुनौती दी कि विपक्ष राज्यपाल के अभिभाषण को झूठ का पुलिंदा साबित करे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आने के लिए मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रही है, लेकिन ऐसा कुछ होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बंटा हुआ कुनबा है और उसके हर नेता मुख्यमंत्री बनने के सपने देख रहा है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा फिर से पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लौटेगी।
कर्मचारियों से खफा हुए मुख्यमंत्री
प्रदेश के लगभग सवा दो लाख कर्मचारियों को नये वेतनमान की सौगात देने वाले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अब इन्हीं कर्मचारियों से खफा हो गए हैं। मुख्यमंत्री की नाराजगी का कारण है प्रदेश के कर्मचारियों के विभिन्न वर्गों द्वारा वेतन विसंगतियों को लेकर सीधे आंदोलन पर उतर आना। कर्मचारियों से मुख्यमंत्री की यह नाराजगी बजट सत्र के पहले ही दिन सामने भी आ गई। वेतन विसंगतियों और अन्य मांगों को लेकर कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे आंदोलन के सवाल पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सरकार हर विवाद को सहजता से सुलझाना चाहती है। उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी आंदोलन के माध्यम से अपनी बात मनवाना चाहते हैं, उन्हें अपनी गलतफहमी दूर कर लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने साफ किया कि जो कोई कर्मचारी नियमों का उल्लंघन कर आंदोलन पर उतरेगा, उसके खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करने से भी नहीं हिचकिचाएगी। जयराम ठाकुर ने यह भी स्पष्ट किया कि आंदोलन के नाम पर सरकार कर्मचारियों की हर बात नहीं मानेगी। मुख्यमंत्री ने ऊना पटाखा फैक्ट्री हादसे पर दुख जताया और इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई की बात कही।
भाजपा विधायक अनिल शर्मा का छलका दर्द
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंडित सुखराम के बेटे और पूर्व मंत्री व भाजपा विधयक अनिल शर्मा का दर्द आज आखिर छलक ही गया। बजट सत्र में हिस्सा लेने शिमला पहुंचे मंडी सदर के विधायक अनिल शर्मा ने अपनी ही सरकार को घेरा और आरोप लगाया कि उन्हें परेशान किया जा रहा है। अनिल शर्मा ने कहा कि जब से उनके बेटे आश्रय शर्मा ने कांग्रेस टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा है, तभी से उन्हें भाजपा विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया जा रहा। इसे लेकर उन्होंने कई बार मुख्यमंत्री से भी बात की है। अनिल शर्मा ने कहा कि विधायक होने के नाते उन्हें यहां पर ठहरने के लिए कमरा तक नहीं दिया गया। मुख्य सचिव और जीएडी सचिव को फोन करने के बाद उनके लिए कमरे की व्यवस्था बेसमेंट में की गई है, जहां स्टाफ ठहरता है। इससे साफ है कि सरकार किस कदर उन्हें परेशान कर रही है।