केंद्रीय वन मंत्रालय ने हिमाचल के मुख्य सचिव को दिये कार्रवाई के निर्देश
शिमला,17 जनवरी (हप्र)
हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग को राज्य में वन भूमि पर बनाई जा रही सड़कों के मामले में भरती जा रही होशियारी महंगी पड़ सकती है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने लोक निर्माण विभाग की इस चोरी को पकड़ लिया है। हालांकि मंत्रालय ने फिलहाल अदालत का रास्ता अपनाने के बजाए राज्य के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को अपने स्तर पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं और यदि वे ऐसा नहीं करते तो मंत्रालय 1980 के वन संरक्षण कानून के प्रावधानों के तहत इस मुद्दे पर अदालती कार्रवाई करेगा।
जानकारी के अनुसार लोक निर्माण विभाग वन मंत्रालय की पूर्व अनुमति के बगैर सड़क बनाकर इनके लिए एक्स पोस्ट फैक्टो अर्थात कार्योत्तर अनुमति मांगने की विधि अपना रहा है। लोक निर्माण विभाग के रवैये पर वन मंत्रालय ने सख्त रूख अपनाया है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय 1980 के वन संरक्षण कानून के प्रावधानों के तहत इस मुद्दे पर अदालती कार्रवाई करने की तैयारी में है। मगर इससे पहले प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र भेज कर मामले का संज्ञान लेने का निर्णय मंत्रालय ने लिया है। यह फैसला बीते दिनों चंडीगढ़ में हुई केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की रीजनल इम्पावरमेंट कमेटी की बैठक में लिया गया। मौजूद दस्तावेजों के मुताबिक बैठक में धर्मशाला में आरक्षित वन भूमि में बिजली के खंभे गाडने व लाइनों को बिछाने बारे आई शिकायतों पर कमेटी ने सख्त रवैया अपनाया।