Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

मिल्क सेस से नहीं हुई ज्यादा आय : उप मुख्यमंत्री

शिमला, 26 मार्च (हप्र) हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को बिजली के बिलों में लगाए गए दूध और पर्यावरण सेस के मामले पर सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच नोक-झोंक हुई। इस दौरान दोनों तरफ से एक-दूसरे...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

शिमला, 26 मार्च (हप्र)

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को बिजली के बिलों में लगाए गए दूध और पर्यावरण सेस के मामले पर सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच नोक-झोंक हुई। इस दौरान दोनों तरफ से एक-दूसरे पर कटाक्ष भी किए गए।

Advertisement

उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में लोकहित के दृष्टिगत दूध आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए तथा पर्यावरण सुरक्षा के लिये विद्युत उपभोग पर उपकर (सेस) लगाए गए हैं। इससे कोई ज्यादा आय नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि बिजली बिलों में सेस जोड़ने का एकमात्र कारण केवल राज्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना तथा पर्यावरण सुरक्षा है। मुकेश अग्निहोत्री प्रश्नकाल के दौरान विधायक भुवनेश्वर गौड़ के मूल सवाल का जवाब दे रहे थे।

अग्निहोत्री ने कहा कि मिल्क और पर्यावरण सेस, ऊर्जा की खपत के आधार पर वर्गीकृत उपभोक्ताओं की विभिन्न श्रेणियों पर लगाए गए हैं। होटल तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठान कमर्शियल श्रेणी में आते हैं जिस पर दुग्ध और पर्यावरण सेस 10-10 पैसे प्रति यूनिट लगाया गया है। उन्होंने कहा कि आम लोगों पर इसका कोई भार नहीं पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इसे प्रदेश के विकास में सक्रिय योगदान के रूप में देखा जाना चाहिये।

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि भाजपा ने अपने शासनकाल में मंदिरों की आय का 15 फीसदी हिस्सा गोवंश के लिए रखा था। इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच नोक-झोंक भी हुई। उन्होंने कहा कि लोगों को सस्ती बिजली मिले, उसके लिए 1555 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई है। इसके अलावा पर्यटन उद्योग को भी 44.5 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई है।

विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने पूछा कि मनाली में होटल मालिकों को जनवरी माह में भारी भरकम बिल आए हैं, जबकि जनवरी माह में होटल खाली रहते हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि बिल ज्यादा आ रहा है तो उपभोक्ता इसकी शिकायत इलेक्ट्रिसिटी रिड्रेसल फोरम पर कर सकता है।

वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि यदि सेस लगाने के बाद भी आय नहीं हो रही है तो ये सेस क्यों लगाए हैं। उन्होंने कहा कि होटल उद्योग को इसके दायरे से बाहर करना चाहिए, क्योंकि उन पर इसका भारी भार है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार को तो तीन सौ यूनिट बिजली फ्री देनी थी और उसे कब तक देनी है। उन्होंने कहा कि मंदिरों का जो पैसा है, वह श्रद्धा से देते हैं। उसे सेस से नहीं जोड़ना नहीं चाहिए।

छुट्टी के दिन बस न चलाने वाले ऑपरेटरों के रद्द होंगे परमिट

उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यदि कोई निजी बस ऑपरेटर छुट्टी के दिन अपने रूट पर बस नहीं चलाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और परमिट भी रद्द कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह मामला गंभीर है कि जब छह दिन मुनाफा होता है तो बसें चलाई जाती हैं और जब सवारियां कम होती हैं तो बसें नहीं चलाई जाती। वे प्रश्नकाल के दौरान विधायक रघुबीर सिंह बाली के सवाल का जवाब दे रहे थे। विधायक लोकेंद्र कुमार, सुरेश कुमार, सुरेंद्र शौरी, डॉ. हंसराज, सुदर्शन बबलू, रंजीत सिंह राणा और पवन कुमार काजल ने भी अपने-अपने सवाल पूछे।

Advertisement
×