शिमला, 16 मार्च (निस)
हिमाचल प्रदेश में सामान्य वर्ग आयोग के गठन के बाद एक्ट बनाने की मांग को लेकर देवभूमि क्षत्रिय संगठन और सवर्ण संगठन के लोगों ने बुधवार को राजधानी शिमला में उग्र प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने शिमला में धारा 144 लगा दी थी, सवर्ण समाज के लोगों ने इस धारा को तोड़ दिया और उग्र प्रदर्शन किया। पुलिस ने इस प्रदर्शन को रोकने के लिए राजधानी को आने वाले सभी मार्गों पर बेरिकेडिंग की थी, लेकिन इस समाज के लोग पुलिस से उलझते हुए इकट्ठे होते रहे। इससे शहर के विभिन्न स्थानों और शिमला-चंडीगढ़ मार्ग क्रासिंग पर प्रदर्शनकारियों के प्रदर्शन के चलते कई घंटे तक जाम रहा। शोघी में पुलिस बैरियर पर संघर्ष का सिलसिला शुरू हुआ और यह फिर यह आगे तारादेवी में और उग्र हो गया। इस दौरान शिमला के एएसपी सुशील ठाकुर समेत कुछ पुलिस जवानों को चोटें आई। एएसपी और जवानों को उपचार के लिए तत्काल आइजीएमसी ले जाया गया। इसके बाद टूटीकंडी बाइपास के पास प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों के साथ तोड़फोड़ की तो कईयों के शीशे तोड़े। पुलिस रूमित सिंह ठाकुर को गिरफ्तार नहीं कर पाई। देव भूमि क्षत्रिय संगठन के अध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पिछले वर्ष 10 दिसंबर को लिखित में सामान्य आयोग के गठन को लेकर आश्वासन दिया था, लेकिन बजट सत्र में कानून नहीं बन पाया।
आंदोलन के दौरान देवभूमि पार्टी का ऐलान
सामान्य आयोग को कानूनी दर्जा देने की मांग कर रहे प्रदर्शन के बीच आज सवर्ण समाज भी गुटों में बंट गया। ऐसा टूटीकंडी में प्रदर्शन स्थल पर एक नई राजनीतिक पार्टी के ऐलान से हुआ। देव भूमि क्षत्रिय संगठन के अध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर ने इसका ऐलान क्या किया, संगठन से जुड़े कई लोगों ने इसका विरोध किया। रुमित सिंह ठाकुर ने बाकायदा देवभूमि पार्टी का ऐलान भी कर दिया। इससे बात और बिगड़ गई और मौके पर ही इस ऐलान का जोरदार विरोध किया और नारेबाजी करके राजनीति नहीं करने की चेतावनी दी।