शिमला, 24 अक्तूबर (निस)
हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार नई ऊंचाइयां छू रहे हैं। ऐसे में लोग लगातार कोरोना के इलाज के लिए अस्पतालों की ओर भाग रहे हैं। कोरोना मामलों की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार ने सितंबर महीने के आरंभ में ही प्रदेश में पांच अस्थायी कोविड अस्पतालों की स्थापना का निर्णय लिया था ताकि अस्पतालों को अन्य बीमारियों के रोगियों के लिए फिर से खोला जा सके जिन्हें अभी कोविड केयर सेंटर या कोविड केयर अस्पतालों में तबदील कर रखा है। लेकिन एक महीने से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद प्रदेश की अफसरशाही अभी तक इन अस्पतालों को खोलने के लिए टेंडर प्रक्रिया भी पूरी नहीं कर पाई है। नतीजतन अन्य बीमारियों से ग्रसित रोगियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य मंत्री डा. राजीव सैजल का कहना है कि सरकार इन अस्थायी कोरोना अस्पतालों को जल्द खोलने के लिए प्रयासरत है।
ये अस्थायी अस्पताल राज्य में पांच स्थानों पर बनने हैं। इनके लिए स्थानों का चयन कर लिया गया है लेकिन नाहन में अभी तक इस अस्थायी अस्पताल के लिए जगह ही नहीं मिल पा रही है। रोगियों की दिक्कतों के साथ साथ बढ़ते कोरोना संक्रमितों के उपचार के लिए सरकार ने सितंबर माह में शिमला, टांडा, नाहन, नालागढ़ व ऊना में 50-50 बेड के अस्थायी अस्पताल खोलने का फैसला लिया। सीएसआईआर की मदद से बनाए जाने वाले इन अस्पतालों का निर्माण नवंबर माह तक पूरा करने की योजना है। योजना के तहत खुलने वाले अस्थायी अस्पतालों के निर्माण पर 8 करोड़ से अधिक की रकम खर्च होनी है।