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कानून की पढ़ाई से जागृत होती है आत्मविश्वास की भावना : मुख्यमंत्री

एचपीएनएलयू शिमला का दूसरा दीक्षांत समारोह
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शिमला, 30 मार्च (हप्र)

हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय एचपीएनएलयू, शिमला ने रविवार को हिमाचल प्रदेश न्यायिक अकादमी, शिमला में अपना दूसरा दीक्षांत समारोह आयोजित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों को शुभकामनाएं दीं और उन्हें कड़ी मेहनत, समर्पण और दृढ़ इच्छाशक्ति से अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।

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समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने अपने जीवन से जुड़ी स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की, लेकिन कभी वकालत नहीं की। उन्होंने कहा कि राजनीति और समाज सेवा में उनकी विशेष रुचि थी और राज्य के लोगों के सहयोग और आशीर्वाद से उन्हें प्रदेश की सेवा करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि जीवन की चुनौतियां डिग्री प्राप्त करने के बाद शुरू होती हैं और अनुभव से ज्ञान प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि कानून की पढ़ाई से लोगों में आत्मविश्वास की भावना पैदा होती है, चाहे वह व्यवसाय के लिए किसी भी क्षेत्र का चुनाव करें।

उन्होंने कहा कि हाल ही में बजट सत्र के दौरान, राज्य विधानसभा ने हिमाचल प्रदेश नशा निवारण अधिनियम और संगठित अपराध अधिनियम पारित किया, जिससे नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों से निपटने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को बल मिला है। सीएम ने कहा कि ड्रग माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की गई है, जिससे ड्रग सप्लाई चेन को ध्वस्त करने में मदद मिली है। नशे की लत से जूझ रहे युवाओं के पुनर्वास और उनकी मदद के लिए सिरमौर जिले के कोटला बड़ोग में एक अत्याधुनिक पुनर्वास केंद्र स्थापित किया जा रहा है। समारोह में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति आर. महादेवन, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी.एस. संधावालिया, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. प्रीति सक्सेना और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

डॉक्टर ऑफ लॉज़ की मानद उपाधि प्रदान : समारोह के दौरान, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शकधर को कानून के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए डॉक्टर ऑफ लॉज़ की मानद उपाधि प्रदान की गई। इस अवसर पर 451 छात्रों को भी उपाधियां प्रदान की गई, जिनमें बीए, एलएलबी पाठ्यक्रम के 114, बीबीए एलएलबी पाठ्यक्रम के 111 और एलएलएम के 211 छात्र शामिल हैं।

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