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आपदा से सुरक्षा के लिए बनेगा सख्त कानून

भौगोलिक खतरों की चुनौतियों पर कार्यशाला/ सुक्खू बोलेे
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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बृहस्पतिवार को शिमला में भूकम्प और भूस्खलन जैसे भौगोलिक खतरों से उत्पन्न चुनौतियों पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए। -ललित कुमार
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शिमला, 5 अक्तूबर (हप्र)

हिमाचल प्रदेश सरकार आपदा से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में कड़ा कानून बनाएगी। यह बात मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला में कही। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में गृह निर्माण के लिए स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की अनुमति, भूमि के भार वहन करने की क्षमता का पता लगाने के साथ-साथ जल निकासी की समुचित व्यवस्था पर कानून बनाया जाएगा। उन्होंने इसमें लोगों से राज्य सरकार को सहयोग का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि आज आपदा से अमूल्य जीवन एवं सम्पत्ति के नुकसान को कम करने के लिए नियमों तथा मानवीय स्वभाव में बदलाव की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के प्रति सम्मान और संतुलन बनाकर ही आपदा की संभावना तथा इससे होने वाले नुकसान को न्यून किया जा सकता है।

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हिमाचल प्रदेश के पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में भूकम्प और भू-स्खलन जैसे भौगोलिक खतरों से उत्पन्न चुनौतियां, विषय पर राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के तत्वावधान में आज शिमला में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में इस बार भारी बारिश, बादल फटने और बांधों से अत्याधिक पानी छोड़े जाने के कारण बहुत अधिक नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि अप्रैल माह से ही राज्य में बारिश हो रही थी और मानसून में बहुत ज्यादा बारिश होने के कारण मानव जीवन और संपत्ति को काफी नुकसान हुआ।

हिमाचल भूकम्प की दृष्टि से भी संवेदनशील

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बारिश और बाढ़ के अलावा हिमाचल भूकम्प की दृष्टि से भी संवेदनशील है। ऐसे में भूकम्प से बचाव के लिए भी हमें तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिला में दो डॉप्लर राडार स्टेशन स्थापित करने को केंद्र सरकार ने स्वीकृति प्रदान कर दी है, जिससे मौसम का सही आकलन करने में मदद मिलेगी और सही समय पर उचित कदम उठाए जा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने पहाड़ों में सड़क निर्माण के लिए अधिक से अधिक सुरंगें बनाने पर बल दिया।

एक बेटी के बाद परिवार नियोजन पर अब 2 लाख

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश में बेटी बचाओ अभियान के पोषक बने हैं। राज्य में गिरते लिंगानुपात को बढ़ाने के मकसद से उन्होंने आज शिमला में इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में इजाफा करने की घोषणा की। शिमला में पीएनडीटी एक्ट को लेकर आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में एक बेटी के बाद परिवार नियोजन को अपनाने वाले परिवार को प्रोत्साहन राशि 35 हजार के बजाय दो लाख तथा दो बेटियों के बाद परिवार नियोजन अपनाने वाले परिवार को मिलने 25 हजार के बजाय एक लाख की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। सुक्खू ने अधिनियम के तहत सोनोग्राफी मशीन का पंजीकरण कराने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली का शुभारंभ भी किया। मुख्यमंत्री ने भ्रूण हत्या रोकने के दृष्टिगत बेहतर काम करने के लिए भरमौर, ननखड़ी और जंजहैली ब्लॉक को सम्मानित किया।

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