शूलिनी यूनिवर्सिटी को यूजीसी से मिला श्रेणी-1 का दर्जा
शूलिनी यूनिवर्सिटी को यूजीसी से मिला श्रेणी-1 का दर्जा
सोलन,15 जुलाई (निस)
शूलिनी यूनिवर्सिटी लगातार शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रही है। इसी कड़ी में अब सोलन की शूलिनी जैव प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन विज्ञान यूनिवर्सिटी को यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) द्वारा अपने श्रेणीबद्ध स्वायत्तता विनियम-2018 के तहत श्रेणी-1 का दर्जा दिया गया है। यह यूनिवर्सिटी को देश के सबसे स्वायत्त और उच्च प्रदर्शन करने वाले संस्थानों में से एक बनाता है। यूजीसी ने अपनी 591वीं आयोग बैठक के दौरान यह निर्णय लिया।
विश्वविद्यालय को यूजीसी के स्वायत्तता ढांचे में निर्धारित मानदंडों को पूरा करने के बाद शीर्ष श्रेणी में रखा गया है, जिसमें टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में दुनिया भर के शीर्ष 500 विश्वविद्यालयों में स्थान बनाए रखना शामिल है। इस वर्गीकरण के साथ, शूलिनी विश्वविद्यालय उन चुनिंदा भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों में शामिल हो गया है जो व्यापक शैक्षणिक और प्रशासनिक स्वतंत्रताओं के लिए पात्र हैं। इनमें नए पाठ्यक्रम और विभाग शुरू करना, परिसर के बाहर केंद्र शुरू करना और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग स्थापित करना शामिल है- बिना यूजीसी से पूर्व अनुमोदन प्राप्त किए। शूलिनी विश्वविद्यालय के संस्थापक चांसलर प्रो. पी.के. खोसला ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय के तहत विश्वविद्यालय के पहले आवेदन में श्रेणी-1 का दर्जा प्राप्त होने पर गर्व है। उन्होंने कहा यह विशिष्टता हमें अनुसंधान में अधिक स्वायत्तता और उन्नत अनुदानों तक पहुंच प्रदान करती है। आने वाले दशक में हम विश्वविद्यालय को ऑक्सफोर्ड के समकक्ष एक संस्थान के रूप में विकसित होते देखना चाहते हैं। प्रो. खोसला ने विश्वविद्यालय की वैश्विक शोध उपस्थिति में सुधार के महत्व पर भी ज़ोर दिया।
उन्होंने कहा कि अब अपने वैश्विक उद्धरणों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। दृढ़ विश्वास है कि शूलिनी 10 वर्षों में शीर्ष 50 वैश्विक विश्वविद्यालयों में शामिल हो जाएगी। विश्वविद्यालय को आगामी शैक्षणिक सत्र से अपनी नई स्थिति के तहत लागू किए जाने वाले लाभों के बारे में यूजीसी को सूचित करने के लिए भी कहा गया है। उसे यूजीसी के ग्रेडेड ऑटोनॉमी रेगुलेशन के सभी प्रावधानों का पालन करने की प्रतिबद्धता के साथ एक लिखित पावती प्रस्तुत करनी होगी।