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हिमाचल में आपदा पीड़ितों को राहत का ऐलान

सुक्खू मंत्रिमंडल के निर्णय
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शिमला, 8 अगस्त (हप्र)

हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने राज्य में 31 जुलाई की रात और 1 अगस्त को आई प्राकृतिक आपदा के पीड़ितों के लिए राहत का ऐलान किया है। प्रदेश मंत्रिमंडल की आज शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अधयक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि आपदा प्रभावित परिवारों को 1 अगस्त से 31 अक्तूबर तक तीन महीने की अवधि के लिए शहरी क्षेत्रों में 10,000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 5,000 रुपये प्रतिमाह किराये पर आवासीय सुविधा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जिनके मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके साथ-साथ उन्हें मुफ्त राशन, एलपीजी सिलेंडर, बर्तन और बिस्तर भी उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया है। प्रभावित परिवारों को 50,000 रुपये की तत्काल वित्तीय सहायता भी वितरित की जाएगी। मंत्रिमंडल की बैठक में 1 अगस्त को कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में बादल फटने की घटना में जान गवांने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। मंत्रिमंडल के सदस्यों ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की।

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मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिला में डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, टांडा में विभिन्न श्रेणियों के 462 पद सृजित कर भरने का निर्णय लिया। इसमें चिकित्सा अधिकारियों के 14 पद और मनोचिकित्सक तथा क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक के चार-चार, स्टाफ नर्स के 300, रेडियोग्राफर के 2, वार्ड ब्वॉय के 47, ऑपरेशन थियेटर सहायक के 4, ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर के 2, डाटा एंट्री ऑपरेटर के 10, चतुर्थ श्रेणी के 5, सफाई कर्मचारी के 40 और सुरक्षा गार्ड के 30 पद शामिल हैं। आईजीएमसी, शिमला और अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटीज चमियाना में विभिन्न श्रेणियों के 489 पदों को सृजित कर भरने का भी निर्णय लिया गया है।

मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश माइनर मिनरल्ज (कन्सैशन) एंड मिनरल्ज (प्रिवेन्शन ऑफ इल्लिगल माइनिंग, ट्रांसपोटेशन एंड स्टोरेज) नियम, 2015 में संशोधन करने का निर्णय लिया है। नए प्रावधानों के तहत, राज्य में खनन के लिए उपलब्ध उपयुक्त निजी भूमि को भूमि मालिकों की सहमति से खनिजों को निकालने के लिए नीलाम किया जा सकेगा जिसके लिए भूमि मालिकों को वार्षिक बोली राशि का 80 प्रतिशत दिया जाएगा। इसके अलावा, नए संशोधनों में इलेक्ट्रिक वाहन शुल्क के रूप में पांच रुपये प्रति टन, ऑनलाइन शुल्क के रूप में पांच रुपये प्रति टन और दूध उपकर के रूप में दो रुपये प्रति टन शुल्क लिया जाएगा। गैर-खनन गतिविधियों से प्राप्त सामग्री के उपयोग के लिए रॉयल्टी का 75 प्रतिशत (140 रुपये प्रति टन) प्रसंस्करण शुल्क सरकार को देय होगा।

ग्रमीणों से पेयजल का पैसा वसूलेगी सुक्खू सरकार

हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में 50 हजार से अधिक आमदन वालों को अब पेयजल कनैक्शन पर शुल्क देना होगा। इससे कम आय वालों को पेयजल कनैक्शन के शुल्क में छूट रहेगी। वीरवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने मंत्रिमंडल के इस फैसले की पुष्टि की है। सरकार के इस फैसले से प्रदेश की अधिकांश आबादी के प्रभावित होने की उम्मीद है।

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