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हिमाचल के 10 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट

ज्ञान ठाकुर/हप्र शिमला, 14 जुलाई हिमाचल प्रदेश में लगातार सक्रिय मानसून के चलते हालात बेहद चिंताजनक हो गए हैं। राज्य के अधिकांश हिस्सों में पिछले कई दिनों से मूसलधार बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो...
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ज्ञान ठाकुर/हप्र

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शिमला, 14 जुलाई

हिमाचल प्रदेश में लगातार सक्रिय मानसून के चलते हालात बेहद चिंताजनक हो गए हैं। राज्य के अधिकांश हिस्सों में पिछले कई दिनों से मूसलधार बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। इस बीच मौसम विभाग ने बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी देते हुए अगले 24 घंटे के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

राजधानी शिमला में सोमवार शाम लगभग दो घंटे तक भारी बारिश हुई, जिससे शहर की सड़कों पर सन्नाटा छा गया। वहीं, पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन, पेड़ों के गिरने और नालों के उफान से हालात और बिगड़ गए हैं। 16 से 18 जुलाई तक राज्य में और ज्यादा बारिश की संभावना है।

आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार मानसून सीजन के दौरान अब तक 105 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 44 मौतें केवल हालिया घटनाओं में हुई हैं। अकेले मंडी जिले में 15 लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि दर्जनों लोग अब भी लापता हैं। प्रदेश में 192 सड़कें बंद, 745 पेयजल योजनाएं ठप, और 95 ट्रांसफार्मर बाधित हैं। कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।

कांगड़ा में 612 पेयजल योजनाएं, मंडी में 146 सड़कें और 133 पेयजल योजनाएं बंद पड़ी हैं। मंडी-कुल्लू नेशनल हाईवे पर भूस्खलन के कारण यातायात पूरी तरह बाधित है। लोक निर्माण और जल शक्ति विभाग के लिए आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों और जल आपूर्ति की बहाली एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। जल शक्ति विभाग को 414 करोड़, जबकि लोक निर्माण विभाग को 345 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसके अलावा कृषि, बिजली, शिक्षा, स्थानीय निकायों और निजी संपत्तियों को भी भारी क्षति पहुंची है। राज्य सरकार ने केंद्र से विशेष पैकेज की मांग की है। लोगों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और बारिश के दौरान नदी-नालों के पास न जाएं।

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